NASA Sunita Williams: भारतीय मूल की वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स और बुल विलमोर को लेकर एक अच्छी खबर सामने रही है. लगभग 3 महीने तक स्पेस स्टेशन में फसे रहने के बाद दोनों 7 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे धरती पर लैंड करेंगे. इन दोनों को स्पेस से धरती पर लाने के लिए NASA और बोईंग ने मिलकर एक प्लान तैयार कर लिया है. उन्होंने फैसला किया है कि 6 सितंबर 2024 की देर रात करीब सवा तीन बजे के आसपास स्टारलाइन कैप्सूल स्पेस स्टेशन से अलग होगा. और 7 सितंबर सुबह करीब 10 बजे वह धरती पर न्यू मेक्सिको के व्हाइट सैंड्स स्पेस हार्बर में लैंड होगा. इसके लिए NASA ने एलनमस्क की कंपनी स्पेसएक्स की मदद ली है. नासा इस पूरी प्रक्रिया का लाइव प्रसारण अपने सोशल मीडिया हैंडल्स और वेबसाइट पर करेंगा.
क्या है मामला?
दरअसल, सुनीता विलियम्स और बैली विलमोर 5 जून को स्टारलाइनर की टेस्ट फ्लाइट में सवार होकर आठ दिनों के मिशन पर अंतरिक्ष में गए थे. 8 दिन बाद उनको इसी यान से वापस लौटना था. लेकिन इस विमान में तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से दोनों स्पेस स्टेशन पर ही अटक गए. और वो दोनों अभी तक स्पेस स्टेशन पर ही फंसे हुए हैं. अब नासा ने 29 अगस्त को बताया था कि बोइंग का पहला चालक दल वाला स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट 6 सितम्बर को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से निकलेगा. यदि सबकुछ निर्धारित योजना के अनुसार होता है तो अनडॉकिंग अमेरिका के स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर होगी. इसके बाद यह कैप्सूल छह घंटे बाद न्यू मैक्सिको के वॉइट सैंड्स स्पेस हार्बर में उतरा जाएंगा.
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नासा ने ली स्पेसएक्स की मदद
सुनीता विलियम्स और बैली विलमोर को धरती पर लाने के लिए नासा ने स्पेसएक्स के अंतरिक्ष यान की मदद ली है. और नासा ने कहा कि बोइंग स्टारलाइनर बिना दोनों यात्रियों को वापस लिए वापस आएगा. हालांकि, नासा के इस फैसले से बोइंग सहमत नहीं थी. इस फैसले पर पहुंचने से पहले बोइंग और नासा के बीच कई विवादास्पद बैठकें भी हुईं. बोइंग ने अपने स्टारलाइनर में खराबी के चलते दांव पर लगी प्रतिष्ठा के बीच कहा कि स्टारलाइनर अंतरिक्ष यात्रियों को घर लाने के लिए पर्याप्त अच्छी स्थिति में है. लेकिन उसके इस फैसले पर नासा ने असहमति जताई और अंतरिक्ष यान के खराब थ्रस्टर्स और हीलियम लीक को लेकर यात्रियों की सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया. इसके बाद नासा और बोइंग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुई. लेकिन बोइंग के नाराज़गी के बाद भी नासा ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रतिद्वंद्वी स्पेसएक्स से हाथ मिलाया. और इस बड़े ऑपरेशन का टास्क उनको दिया.
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