AI से लैस ई-स्किन से होगी सेहत की देखभाल, ऐसे लोगों के लिए साबित होगी वरदान

Electronic Skin: वैज्ञानिकों ने एआई यानी आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस का प्रयोग कर ई-स्किन विकसित की है. जो किसी हादसे में अपने शरीर के किसी अंग को गंवाने वाले लोगों के लिए वरदान साबित होगी.

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Suhel Khan
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E-Skin

Electronic Skin: तेजी से बदलती तकनीकी ने पूरी दुनिया की तस्वीर बदल दी है. इंसान सुबह से लेकर शाम तक हर जगह कई रूप में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है, फिर चाहे वह मोबाइल फोन हो या इंटरनेट. एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने इसमें चार चांद लगा दिए हैं. जो इंसान के लिए हर तरह से मददगार साबित हो रही है. वो दिन दूर नहीं जब एआई से आपकी सेहत का भी ख्याल रखेगी. क्योंकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इंसानों की सेहत के लिए भी तमाम संभावनाएं उभर कर सामने आ रही है.

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वैज्ञानिकों ने विकसित की ई-स्किन

इसी के साथ अब ई-स्किन यानी इलेक्ट्रोनिक त्वचा का भी वैज्ञानिकों ने विकास कर लिया है. वैज्ञानिकों की इस खोज को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने समर्थन दिया है. इससे दिल की धड़कन, रक्तचाप, पसीना समेत तमाम स्वास्थ्य मानकों की निगरानी की जा सकेगी. मेडिकल फील्ड के लिए ये खोज नई क्रांति मानी जा रही है.

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उम्मीद से ज्यादा मिली सफलता

दरअसल, ई-स्किन एक ह्यूमन मशीन इंटरफेस है. इंसान के शरीर में लगाए जाने के बाद मिले नतीजों ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया. वैसे तो स्किन यानी त्वचा प्राकृतिक है, जिसे बनाना संभवन नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई ई-स्किन बिल्कुल इसी तरह दिमाग को संकेत भेजने में सक्षम है जैसे कुदरती त्वचा भेजती है. दरअसल, ई-स्किन को मानव शरीर का डुप्लिकेट बनाया गया है, यह दिल की धड़कन, तापमान समेत सभी स्वास्थ्य मानकों को मॉनिटर करने में सक्षम है.

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कहां-कहां हो सकता है ई-स्किन का इस्तेमाल

ई-स्किन का इस्तेमाल वैसे तो कई जगहों पर किया जा सकता है, लेकिन इसमें सबसे अहम प्रोस्थेटिक और रोबोटिक्स है. दरअसल, प्रोस्थेटिक्स उसे कहा जाता है जिसमें किसी दिव्यांगों या किसी इंसान की स्किन क्षतिग्रस्त हो, ऐसे मामलों में ई-स्किन का इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं रोबोटिक्स के मामले में इंसानों की स्किन की तरह ही रोबोट की स्किन को भी अहसास होता है. इसका इस्तेमाल स्मार्ट बैंडेट, रिस्टबैंट, टैटू की तरह दिखने वाले स्टिकर, कपड़ों, अंगूठियों, चेहरे पर लगाए जाने वाले मुखौटों के अलावा मोजे और जूतों में भी किया जा सकता है.

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