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120 साल पहले खोजे गए 2000 वर्ष पुराने ‘कंप्यूटर’ से वैज्ञानिक हैरान, सुलझाया ऐसा रहस्य, जानकर होंगे हैरान!

Antikythera - ‘the first computer’: 1901 में एक प्राचीन उपकरण खोजा गया था. ये डिवाइस एक खगोलीय खगोलीय कैलेंडर है, जो एक ग्रीक जहाज के मलबे में पाया गया था.

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Ajay Bhartia
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Antikythera - the First Computer

दुनिया का 'पहला कंप्यूटर' (Image: X/@fermatslibrary)

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Antikythera - ‘the first computer’: 1901 में एक प्राचीन उपकरण खोजा गया था. ये डिवाइस एक खगोलीय खगोलीय कैलेंडर है, जो एक ग्रीक जहाज के मलबे में पाई गई थी. इसके बारे में BGR ने सबसे पहले रिपोर्ट किया था. खोजे जाने के बाद से ही ये डिवाइस वैज्ञानिकों को हैरान किए हुए है. 2000 साल पुराने इस उपकरण को एंटीकाइथेरा तंत्र (Antikythera Mechanism) के रूप में जाना जाता है, जिसे अक्सर ‘पहला कंप्यूटर’ कहा जाता है. अब वैज्ञानिकों इस डिवाइस से जुड़े रहस्य को सुलझाया है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. 

प्राचीन ‘कंप्यूटर’ की खूबियां

  • वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ये डिवाइस सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों जैसे खगोलीय पिंडों की आकाशीय गति को ट्रैक करता है.
  • आकाशीय गति को ट्रैक करने के लिए इस उपकरण में विंड अप सिस्टम (Wind-Up System) का इस्तेमाल किया गया था.
  • एंटीकाइथेरा डिवाइस एक हाथ से चलने वाला उपकरण था, जो अद्भुत बनावट के लिए सबको हैरान करता है.
  • यह एक कैलेंडर के रूप में भी काम करता था, जो चंद्रमा के चरणों और ग्रहणों के समय को चिह्नित करता था.
  • ये डिवाइस अगले हजार वर्षों में बनाए गए किसी भी अन्य उपकरण की तुलना में अधिक उन्नत था.

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यहां देखें- प्राचीन 'कंप्यूटर' का वीडियो

हैरान करती है बनावट

एंटीकाइथेरा यानी ‘पहले कंप्यूटर’ की बनावट हैरान करती है. वैज्ञानिक भी इसे देखकर हैरान रह गए कि हजारों साल पहले इस उपकरण को कैसे बनाया गया होगा. उन्होंने इसे ‘क्रिएशन ऑफ जीनियस’ बताया है. आइए जानते हैं कि वैज्ञानिकों ने इस डिवाइस की बनावट को लेकर क्या बताया है.

  • वर्तमान में एंटीकाइथेरा उपकरण 82 अलग-अलग टुकड़ों में है. इसकी मूल सरंचना का केवल एक तिहाई हिस्सा ही बचा है, जिसमें 30 जंग लगे कांस्य गियरव्हील शामिल हैं. 
  • यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (UCL) के रिसर्चर्स ने डिवाइस के काम करने के तरीके को उजागर करने के लिए 3D कंप्यूटर मॉडलिंग का उपयोग किया.
  • UCL के वैज्ञानिक एडम वोजिक ने कहा कि हमें विश्वास है कि रिक्रिएशन मॉडल मूल उपकरण की संरचना से मेल खाता है.

वैज्ञानिकों ने ये भी बताया

वैज्ञानिकों ने बताया ये डिवाइस उन प्राचीन ग्रीक मान्यताओं को दर्शाता है कि जिनमें कहा गया था कि ये खगोलीय पिंड पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं. जैसा कि साइंटिफिक रिपोर्ट्स में बताया गया है, ‘इस जटिल 3D पहेली को सुलझाने से बेबीलोनियन खगोल विज्ञान, प्लेटो की अकादमी के गणित और प्राचीन ग्रीक खगोलीय सिद्धांतों से जीनियस-कंबाइनिंग साइकिल्स का निर्माण पता चलता है. हालांकि, वैज्ञानिकों का मानना है कि इस डिवाइस से जुड़े अन्य रहस्यों का उजागर करना अभी भी बाकी है.

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