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WhatsApp और Facebook को करे सिक्योर जानिए 'टू स्टेप वेरिफिकेशन' और 'सिक्योरिटी की' के बारे में

जीमेल में पहले से ही यह फीचर है। सिक्योरिटी के लिहाज से यह अहम है। आइए जानते हैं क्या है 'टू स्टेप वेरिफिकेशन' और सिक्योरिटी की

Updated on: 13 Feb 2017, 07:25 PM

नई दिल्ली:

वॉट्सएप और फेसबुक ने पिछले दिनों कई नए फीचर्स लॉन्च किए हैं। हाल में ही वॉट्सएप ने बेहतर सिक्योरिटी के लिए टू स्टेप वेरिफिकेशन का फीचर दिया है। फेसबुक ने भी अपने यूजर्स को सिक्योरिटी की की सुविधा दी है। जीमेल में पहले से ही यह फीचर है। सिक्योरिटी के लिहाज से यह अहम है। आइए जानते हैं क्या है 'टू स्टेप वेरिफिकेशन' और सिक्योरिटी की फीचर।

क्या है ये टू स्टेप वेरिफिकेशन?

टू स्टेप वेरिफिकेशन में अकाउंट लॉग-इन करने से पहले सिर्फ पासवर्ड ही नहीं बल्कि पिन की जरूरत होती है। अगर जीमेल का टू स्टेप ऑथेन्टिकेशन यूज करेंगे तो आपको ईमेल लॉग-इन करने के अपना लॉग इन आईडी और पासवर्ड डालने के बाद आपके मोबाइल पर एक पिन भेजा जाएगा आपको वह पिन दर्ज करना होगा। इसके बाद ही आपका जीमेल खुलेगा। इससे फायदा यह है कि अगर आपका पासवर्ड किसी को पता चल गया तो भी वह आपका जीमेल आकॉउंट नहीं खोल सकता क्योकि इसके लिए उसे वह पिन डालना होगा जो आपके फोन पर आएगा।

अब यही सुविधा वाट्सएप ने भी अपने यूजर्स को दिया है।

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सिक्योरिटी की क्या है?

टू स्टेप वेरिफिकेशन की तरह 'सिक्योरिटी की' भी सुरक्षा की दृष्टी से अहम है। 'सिक्योरिटी की' पेन ड्राइव की तरह होता है। फेसबुक ने सिक्योरिटी की का ऑप्शन जोड़ा है। उदाहरण के तौर पर आपने अपने फेसबुक से सिक्योरिटी की को जोड़ लिया है तो आईडी और पासवर्ड के बाद आपको कंप्यूटर में सिक्योरिटी की लगानी होगी। बिना सिक्योरिटी की के अकाउंट नहीं खुलेगा। यानी अगर किसी को आपका पासवर्ड पता भी है तो वो आपका अकाउंट नहीं खोल सकता है।

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