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STEM CELL से गांधारी को हुए थे 100 बच्‍चे, इस दावे के खिलाफ उतरे वैज्ञानिक

आंध्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव के दावे से भी साइंटिस्ट नाराज हैं. उन्होंने अपने दावे में कहा था कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल टेक्नॉलजी के जरिए हुआ था और रावण के पास 24 तरीके के एयरक्राफ्ट थे.

Updated on: 07 Jan 2019, 01:14 PM

नई दिल्ली:

आंध्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव के दावे से भी साइंटिस्ट नाराज हैं. उन्होंने अपने दावे में कहा था कि कौरवों का जन्म स्टेम सेल टेक्नॉलजी के जरिए हुआ था और रावण के पास 24 तरीके के एयरक्राफ्ट थे. मशहूर वैज्ञानिक सीएनआर राव का कहना है कि वह आईएससी में शामिल नहीं होते हैं. जालंधर की लवली प्रफेशनल यूनिवर्सिटी में चल रही इंडियन साइंस कांग्रेस (आईएससी) के बीच दो वैज्ञानिकों के कथित तर्कहीन और अवैज्ञानिक दावों के खिलाफ विरोध तेज हो गया है. प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शोध छात्रों के साथ ही साइंस में दिलचस्पी रखने वाले लोगों ने भी इन दावों की कड़ी आलोचना की है. दरअसल एक वैज्ञानिक ने साइंस कांग्रेस के दौरान महाभारत के कौरवों के अलावा रामायण के पात्र रावण के बारे में विज्ञान को आधार बताते हुए दावे किए हैं.

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रविवार को कर्नाटक रैशनलिस्ट्स फोरम के प्रतिनिधियों और ब्रेकथ्रू साइंस सोसायटी (बीएसएस) के वैज्ञानिकों और रिसर्चर्स ने बेंगलुरु में आईआईएससी (इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस) के बाहर हाथों में प्लेकार्ड के साथ मूक विरोध प्रदर्शन किया. बीएसएस कर्नाटक के सेक्रटरी केएस रजनी का कहना है, '2015 में आयोजित मुंबई सेशन के बाद हमने आईएससी असोसिएशन के अध्यक्ष से मिलकर अपनी चिंताएं जाहिर करते हुए उन्हें विरोध पत्र सौंपा था. इसके बाद मैसुरु से लेकर तिरुपति में हुई कांग्रेस के दौरान ये सब जारी रहा. लोगों को आयोजकों से पूछना चाहिए कि उन्होंने इसकी कैसे इजाजत दे दी.'

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इन दावों का विरोध कर रहे साइंटिस्ट
सोमवार को बीएसएस देश के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहा है. आंध्र यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जी नागेश्वर राव के दावे से साइंटिस्ट खासे नाराज हैं. कांग्रेस के दौरान उन्होंने अपने दावे में कहा था कि महाभारत के प्रमुख पात्र कौरवों का जन्म स्टेम सेल टेक्नॉलजी के जरिए हुआ था, जबकि रामायण के पात्र रावण के पास 24 तरीके के एयरक्राफ्ट थे. इतना ही नहीं, इसी सेशन में तमिलनाडु के एक वैज्ञानिक के. जे. कृष्णन ने दावा किया था कि न्यूटन और अल्बर्ट आइंस्टाइन की थिअरी पूरी तरह गलत थी.

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बेंगलुरु समेत 10 शहरों में विरोध प्रदर्शन
बेंगलुरु में आईआईएससी के बाहर रविवार को हुए विरोध प्रदर्शन में छात्रों के साथ ही आईटी प्रफेशन ने भी हिस्सा लिया. केएस रजनी का कहना है, 'हम सोमवार को 10 शहरों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों को ये बताना जरूरी है कि आईएससी जैसे आयोजन के दौरान ऐसे दावों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए.' बीएसएस की ऑल इंडिया कमिटी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'यह काफी तकलीफदेह है कि ऐसे दावे आईएससी के चिल्ड्रन साइंस कांग्रेस सेशन के दौरान किए गए, जहां काफी संख्या में युवा छात्र और शिक्षक मौजूद थे.' कई चर्चित भारतीय वैज्ञानिकों ने भी प्राचीन भारत की खोजों के ऐसे दावों पर कड़ा ऐतराज जताया है. ऐरोस्पेस साइंटिस्ट आर नरसिम्हा ने कहा कि आईएससी के पिछले सत्रों के दौरान भी ऐसे दावे सामने आए थे.