वाराणसी, 5 जुलाई (आईएएनएस)। देवाधिदेव महादेव की नगरी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रत्येक दिन श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है, लेकिन सावन में नजारा कुछ अलग ही दिखता है। हर तरफ शिवभक्त होते हैं और सभी के होठों पर हर हर महादेव का अहर्निश जाप होता है।
सावन में प्रशासन के सामने लाखों-करोड़ों भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करना एक चुनौती हो जाता है। इस बार भी श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, सावन को ध्यान में रखकर भीड़ नियंत्रण के लिए हमने अपना एसओपी लागू कर दिया है, जिसमें बैरिकेडिंग समेत अन्य इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, ओआरएस घोल समेत खानपान की उचित व्यवस्था की गई है। पांच स्थानों पर हेल्प डेस्क लगाई गई हैं। आरोग्य केंद्र संचालित हो रहे हैं। गुड़-पानी की भी व्यवस्था है।
उन्होंने बताया, किसी अनहोनी की स्थिति में हमने अपनी एक इंटरनल टीम बनाई है। जो लोग धाम नहीं आ सकते हैं, उनके लिए ऑनलाइन यूट्यूब चैनल और अन्य माध्यमों से दर्शन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। दैनिक आरती का भी प्रसारण किया जा रहा है। सारी सुविधाओं के साथ काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तत्पर और तैयार है।
सीईओ ने बताया, हर वर्ष सावन के प्रत्येक सोमवार को श्रद्धालुओं पर पुष्प वर्षा की जाती है और इस बार भी की जाएगी। पहले सोमवार को यादव बंधुओं का एक दल आता है, जो बाबा का दर्शन करता है। ऐसे में नगर के लोगों से अपील की जाती है कि वे पहले दिन कम संख्या में आएं और यादव बंधुओं को दर्शन करके जाने दें।
उल्लेखनीय है कि 11 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो रही है। सावन में भगवान शिव की नगरी काशी में श्रद्धालुओं के आस्था का सैलाब उमड़ता है। पिछले वर्ष सावन माह में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने मंदिर में जलाभिषेक किया था, इस बार यह आंकड़ा और भी बढ़ने का अनुमान है।
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