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मोदी सरकार जल्द ही UPSC की परीक्षा में करने जा रही ये बड़ा बदलाव, जानें क्या बदलेगा

अब सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफल उम्‍मीदवारों को उनकी रैंक के आधार कैडर नहीं देगी.

Updated on: 27 Sep 2019, 11:14 AM

highlights

  • UPSC परीक्षा में मोदी सरकार करने जा रही बड़ा बदलाव. 
  • पुराने पेपर के पैटर्न को पूरी तरह से बदलना चाहती है केंद्र सरकार.
  • अब इस आधार पर होगा उम्मीदवारों का चयन. 

नई दिल्ली:

UPSC Mains Exam Pattern: भारत की केंद्र सरकार (Central government) अब यूपीएससील परीक्षा (Union Public Service Commission Exam Pattern) के पैटर्न में बड़ा फेरबदल करने जा रही है. बताया जा रहा है कि सरकार विचार कर रही है कि अब सिविल सर्विसेज परीक्षा में सफल उम्‍मीदवारों को उनकी रैंक के आधार कैडर नहीं देगी बल्कि इसके लिए अब सफल उम्मीदवारो की लीडरशिप क्वालिटी और अन्‍य क्षमताओं को परखा जाएगा.

जी हां, आपने सही सुना. अब आप IAS बनेंगे या IPS बनने के लिए आपके व्यावहारिक ज्ञान को भी परखा जाएगा जिसके बाद ये निश्चित किया जाएगा कि आपको कौन सा कैडर मिलेगा.

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इसके तहत ही डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (Department of Personal Training) के सूत्रों की मानें तो मोदी सरकार यूपीएससी में इस तरह के बदलावों पर विचार कर रही है और जल्द ही इन बदलावों को लागू कर सकती है. पीएम (PM MODI) ने डीओपीटी से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है. बता दें कि डीओपीटी के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है. हालांकि अभी तक ऑफिशियिली इस बारे में अभी कोई घोषणा नहीं की गई है.

दरअसल मोदी सरकार सिविल सर्विसेज परीक्षा के बरसों पुराने सिस्‍टम को पूरी तरह से बदलना चाहती है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोदी सरकार सिविल सर्विस में सफल लोगों को परीक्षा और कैडर देने के लिए उनकी किताबी ज्ञान के साथ-साथ उनका व्‍यवाहारिक ज्ञान भी परखा जाएगा.

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इस नए नियम से ये भी संभव है कि UPSC में टॉप या सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले को IAS कैडर की परीक्षा में मार्क्स या नंबरों को न देखकर बल्कि उनकी ट्रेनिंग में परफॉर्म क्षी अब महत्व रखेगा. बता दें कि अभी तक सिविल सर्विसेज में रैंक के आधार पर तय होता था कि उम्‍मीदवार को किस सेवा और कैडर में भेजा जाएगा.

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सिविल सर्विसेज परीक्षा बदलाव को लेकर पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है. दरअसल एक ये प्रस्‍ताव आया था कि सिविल सर्विसेज में सफल उम्‍मीदवार को फाउंडेशन कोर्स पूरा करके उसमें मिले नंबरों के मुताबिक ही राज्‍य और सर्विस कैडर तय हों. हालांकि इस पर विवाद होने पर सरकार ने सरकार ने सफाई दी थी कि अभी सिर्फ इस प्रस्‍ताव पर विचार हो रहा है. जबकि इस पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया है.