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पुलिस भर्ती नियमों में बदलाव की सिफारिश, सरकार को कोर्ट आदेश का पालन करने को कहा

सरकारी वकील का कहना था कि भर्ती नियमावली के अनुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में लंबाई मानक के अनुरूप पाए जाने के बाद ही मेडिकल कराने का प्रावधान है, जिसमें दुबारा लंबाई की जांच होती है.

Updated on: 19 Aug 2021, 11:46 PM

highlights

  • यूपी पुलिस कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल सर्विस भर्ती रूल्स में संशोधन करने पर विचार करने का निर्देश दिया
  • अमन कुमार ने कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन किया था
  • शारीरिक दक्षता परीक्षा में उसकी लंबाई निर्धारित मानक 168 सेमी से कम पाई ग

उत्तर प्रदेश:

इलाहाबाद हाईकोर्ट(Allahabad High Court) ने प्रदेश सरकार को उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) पुलिस कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल सर्विस भर्ती रूल्स में संशोधन करने पर विचार करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि एक ही भर्ती  में अभ्यर्थी की लंबाई दो बार नापे जाने का औचित्य नहीं है. यह आदेश कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा ने प्रदेश सरकार की अपील पर दिया है. अमन कुमार ने कांस्टेबल भर्ती के लिए आवेदन किया था. शारीरिक दक्षता परीक्षा में उसकी लंबाई निर्धारित मानक 168 सेमी से कम पाई गई. उसने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. एकल न्यायपीठ के आदेश पर सीएमओ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने उसकी लंबाई की जांच की तो लंबाई 168 सेमी से अधिक पाई गई. इस पर हाईकोर्ट ने उसकी नियुक्ति पर विचार करने का निर्देश दिया था. जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष अपील में चुनौती दी थी.

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सरकारी वकील का कहना था कि भर्ती नियमावली के अनुसार शारीरिक दक्षता परीक्षा में लंबाई मानक के अनुरूप पाए जाने के बाद ही मेडिकल कराने का प्रावधान है, जिसमें दुबारा लंबाई की जांच होती है. एकलपीठ द्वारा शारीरिक परीक्षा में अनफिट अभ्यर्थी की मेडिकल जांच कराने का आदेश देते समय इस तथ्य की अनदेखी की गयी है. कोर्ट ने कहा जब कोर्ट के आदेश से मेडिकल जांच कराई गई है तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सरकार पुनर्विचार करे कि शारी‌रिक दक्षता और मेडिकल जांच दोनों में लंबाई नापने का क्या औचित्य है. क्योंकि यदि दोनों के परिणाम में अंतर आएगा तो भर्ती बोर्ड का टेस्ट स्वयं में विरोधाभासी हो जाएगा. कई राज्यों में लंबाई और सीने की नाप एक बार ही की जा सकती है. पीठ का यह भी कहना था कि अदालतों को भी ऐसे मामलों  में रूटीन तरीके मेडिकल जांच करने का आदेश देने से बचना चाहिए.