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प्रतिकात्मक तस्वीर
गूगल (Google)ने अपने कर्मचारियों के लिए नया फरमान जारी किया है और वो ये है कि अब वो दफ्तर में किसी भी तरह की राजनीतिक बातें नहीं कर सकते हैं. ऐसा करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी या फिर उसकी नौकरी भी जा सकती है. नए दिशा निर्देश को अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति ट्रंप के हेरा-फेरी के आरोप से जोड़कर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि राष्ट्रपति ट्रंप के चुनाव में हेर-फेर करने के आरोपों के बाद कंपनी ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि भविष्य में उस पर इस तरह के आरोप न लगे.
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गूगल (Google)ने अपने कर्मचारियों को एक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा है कि वो दफ्तर में राजनीति समेत अन्य गैर जरूरी मुद्दों पर बहस करने की बजाय अपने काम पर ध्यान दें. अलग-अलग विभागों के मैनेजरों और फोरम का नेतृत्व करने वाले लोगों को इसे सुनिश्चित करने को कहा गया है और इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने को लेकर सावधान भी किया गया है.
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गूगल (Google)द्वारा कहा गया है कि कर्मचारियों के बीच राजनीतिक मसले पर बहस होगी तो वो सार्वजनिक होगी. इसके लिए कंपनी को जिम्मेदार ठहराया जाएगा जिससे गलत प्रभाव पड़ेगा क्योंकि गूगल (Google)किसी भी उत्पाद, कारोबार या फिर राजनीतिक विमर्श से दूर रहता है इसलिए गलत या भ्रामक बयान देने से कर्मचारियों को बचना चाहिए. ऐसा होने पर लोगों के बीच हमारी कंपनी से भरोसा कम होगा.
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बता दें कि गूगल (Google)से निकाले गए एक इंजीनियर के बयान को आधार बनाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि गूगल (Google)ने डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में 16 मिलियन वोट का हेरफेर किया था. हालांकि गूगल (Google)ने इसे पूरी तरह बेबुनियाद बताया था.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो