आगरा, 9 जुलाई (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन को बुधवार को आगरा पुलिस ने उनके आवास पर नजरबंद कर लिया। रामजीलाल सुमन एटा में सरकार और प्रशासन के खिलाफ आयोजित एक धरना प्रदर्शन में शामिल होने वाले थे, लेकिन भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच उन्हें एटा जाने से रोक दिया गया।
इस दौरान सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि सरकार सच्चाई को जनता तक पहुंचने से रोक रही है।
रामजीलाल सुमन ने कहा, एटा में समाजवादी पार्टी द्वारा एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें मैं शामिल होना चाहता था। लेकिन मुझे इसकी अनुमति नहीं दी गई। यह सिर्फ आज की बात नहीं है, पिछले तीन महीनों से मुझे बार-बार रोका जा रहा है। जहां भी मैं जनता के मुद्दों को उठाने की कोशिश करता हूं, सरकार मुझे रोक देती है। यह साफ है कि सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए सच्चाई को दबाना चाहती है।
रामजीलाल सुमन ने बताया कि एटा में हाल के दिनों में कई गंभीर घटनाएं हुई हैं, जिनके खिलाफ सपा ने यह धरना प्रदर्शन आयोजित किया था। उन्होंने कहा, एटा के एक इलाके में पुलिस की मौजूदगी में भगवान बुद्ध की प्रतिमा को अराजक तत्वों ने तीन बार तोड़ा। इसके अलावा, एक दलित की बारात को निकलने से रोका गया और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के जन्मदिन पर उनके पोस्टरों को फाड़ा गया। इन सभी मुद्दों को लेकर हम सरकार और प्रशासन के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन भाजपा सरकार ने हमें रोक दिया। यह सरकार की तानाशाही है।
सपा सांसद ने आरोप लगाया कि पिछले तीन महीने से सरकार के इशारे पर उन्हें जनता की आवाज उठाने से जबरदस्ती रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, भाजपा सरकार अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए विपक्षी नेताओं को दबाने की कोशिश कर रही है। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। जनता के मुद्दों को उठाना हमारा अधिकार है, लेकिन सरकार हमें ऐसा करने से रोक रही है। जनता के मुद्दों को उठाने से हमें कोई नहीं रोक सकता और सपा इस तरह के दमन के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगी।
आगरा पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सुमन को उनके आवास से बाहर निकलने से रोक दिया। उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और बैरिकेड्स लगाए गए। इस दौरान सपा कार्यकर्ताओं ने भी सांसद के आवास के बाहर धरना दिया और पुलिस के इस कदम की निंदा की।
आपको बता दें, इस घटना से पहले भी रामजीलाल सुमन को कई बार नजरबंद किया जा चुका है।
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