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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। लहसुन सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि यह आयुर्वेदिक दृष्टि से एक बहुमूल्य औषधि है। लहसुन में पाए जाने वाले गंधक, एलिसिन, विटामिन बी6, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे तत्व इसे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत उपयोगी बनाते हैं।
आयुर्वेद में इसका गुण कड़वा और तीखा माना गया है, इसकी तासीर गर्म है और यह वात और कफ दोष को शांत करता है। लहसुन हल्का, तीक्ष्ण और पचने में आसान होता है, इसलिए यह शरीर में कई प्रकार के लाभ देता है।
लहसुन के नियमित सेवन से हृदय रोगों का खतरा कम होता है। यह धमनियों में जमी अवरोधों को साफ करता है और कोलेस्ट्रॉल तथा ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखता है। इसके अलावा, यह पाचन शक्ति को बढ़ाता है, पेट की अग्नि को तेज करता है और कब्ज, गैस या अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है। लहसुन शरीर की प्रतिरक्षा शक्ति को भी मजबूत करता है, जिससे सर्दी, खांसी और संक्रमण से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
आयुर्वेद की मानें तो लहसुन जोड़ों के दर्द, गठिया और अर्थराइटिस में लाभकारी है। इसके सेवन से वात और कफ से संबंधित समस्याएं कम होती हैं। त्वचा पर होने वाले संक्रमण, फोड़े-फुंसी और अन्य रोगों में भी लहसुन का लेप उपयोगी माना जाता है। कुछ घरेलू नुस्खों में लहसुन के तेल की मालिश कान दर्द और मांसपेशियों की सूजन में राहत देती है। लहसुन और शहद का मिश्रण प्रतिरक्षा बढ़ाता है और लहसुन का काढ़ा सर्दी और खांसी में लाभकारी है।
खाली पेट 1-2 कच्ची कलियां खाना, लहसुन को तेल या शहद के साथ लेना या इसका काढ़ा बनाकर पीना काफी फायदेमंद होता है। नियमित और संतुलित आयुर्वेदिक पद्धति से इसका सेवन जीवन को स्वस्थ, ऊर्जावान और रोगमुक्त बनाता है।
हालांकि, अत्यधिक गर्म तासीर के कारण अधिक सेवन से पेट में जलन या पसीना आ सकता है। गर्भवती महिलाओं को डॉक्टर की सलाह से ही इसका सेवन करना चाहिए।
--आईएएनएस
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