नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष पर दिल्ली में सोमवार को आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब संघ में हमें मजबूत बनाने के लिए बहुत से कार्यक्रम हो रहे हैं।
ऊर्जा एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को कहा, हम संघ का शताब्दी समारोह मना रहे हैं। संघ में बहुत सारे कार्यक्रम होने लगे, जो हमें मजबूत करने लगे हैं। साल 1980 में से मैं भी संघ के लिए काम कर रहा हूं। संघ में सबसे महत्वपूर्ण शारीरिक विभाग है।
उन्होंने बताया, जब गीत बोले जाते हैं, तो वो जोश से भरे हुए होते हैं। हर एक शब्द का हर एक पंक्ति का अर्थ और भाव होता है, जो हमें जोश देता है। शब्दों का वाक्यों और छंदों का अपना भाव होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में एक गीत गाया था। वैसा ही गीत मैंने मुख्यमंत्री काल के दौरान गया, तो उस वक्त अधिकारियों ने उसके अलग-अलग भाव दिए। हमारे लिए भाव सही होना चाहिए। मुझे एक गीत याद है कि शपथ लेना आसान है, निभाना मुश्किल है।
संघ में अपने पुराने दिनों को याद करते हुए मनोहर लाल ने कहा, जब मैं यमुनानगर में जिला प्रचारक था, तो उस समय क्षेत्रीय प्रचारक ब्रह्म देव जी थे, जिनका भाषण रोंगटे खड़े करने वाले होते थे। वह ऐसा भाषण होता था कि अगर मुर्दे को भी सुना दिया जाए, तो वह खड़ा हो जाए। उस दौरान एक कार्यक्रम में संगीत चल रहा था। कार्यक्रम में आते समय उन्होंने उस संगीत को सुन लिया। इसके बाद उन्होंने गुस्से से उसे बंद करने के लिए कह दिया, सभी हैरान हो गए। गीत के बोल इस प्रकार थे, अनेकता में एक के मंत्र को जन-जन दोहराता है, धीरे-धीरे देश हमारा... ऐसे में उनकी आपत्ति धीरे-धीरे से थी। उन्होंने कहा कि धीरे-धीरे क्या होता है? देश को आजाद हुए कितने वर्ष हो गए हैं, कब तक धीरे-धीरे चलते रहोगे। इस गीत की पंक्तियों को बदल दो।
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