सनातन धर्म को मानने वाले ज्यादा कट्टरवादी होते हैं : हुसैन दलवई

सनातन धर्म को मानने वाले ज्यादा कट्टरवादी होते हैं : हुसैन दलवई

सनातन धर्म को मानने वाले ज्यादा कट्टरवादी होते हैं : हुसैन दलवई

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IANS
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सनातन धर्म को मानने वाले सनातनी ज्यादा कट्टरवादी होते हैं: हुसैन दलवई

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 4 अगस्त (आईएएनएस)। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद हुसैन दलवई ने एनसीपी-एससीपी नेता जितेंद्र आव्हाड के सनातन वाले बयान पर कहा कि ऐसा सनातन धर्म नहीं है, ऐसा बोल नहीं सकते।

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उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को मानने वाले सनातनी हैं। जो सनातन धर्म मानते हैं, वो ज्यादा कट्टरवादी होते हैं और वह मनुस्मृति को पूरी तरह से मानते हैं। हिंदू धर्म को मानने वाले उदारवादी लोग गांधीवादी सिद्धांतों पर चलते हैं, जो सभी को साथ लेकर चलने की बात करते हैं। हमारा संविधान भी यही कहता है और मनुस्मृति का समर्थन नहीं करता। सनातन धर्म को मानने वाले लोग कट्टरवादी हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाई है। इसको लेकर हुसैन दलवई ने कहा कि संसद में जब राहुल गांधी सवाल पूछते हैं तो उस सवाल का जवाब कौन देता है। सरकार सही मायने में संसद की कार्यवाही नहीं चलने देती है। जब संसद नहीं चलती है तो विपक्ष के सवालों का जवाब भी नहीं मिलता है। सरकार कोई जवाब नहीं देती है तो बाहर बोलना ही पड़ता है। तमाम तरह की चर्चाओं के बीच सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा, उसका हम आदर करते हैं।

शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत की ओर से आतंकवाद पर की गई टिप्पणी पर हुसैन दलवई ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आतंकवाद और नक्सलवाद अलग-अलग चीजें हैं। नक्सलवाद गरीबी, बेरोजगारी और शिक्षा की कमी से उपजता है, जबकि आतंकवाद का स्वरूप अलग है। इसे समझने की जरूरत है। आतंकवादी लोग पढे़-लिखे होते हैं। देश में गरीबी है, यहां लोगों को शिक्षा नहीं मिलती। नौकरियों का स्तर गिर गया है, महंगाई का स्तर बढ़ गया है, लोगों के हालात बहुत बुरे हो गए हैं। इसका फायदा नक्सलवादी लोग उठाते हैं।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद में जिस तरह से चर्चा हुई है, कुछ भी कहिए, सरकार असहज हुई है। सरकार की विफलता उजागर हो गई है। वहीं, इंडिया गठबंधन के पक्ष में माहौल बनता दिख रहा है। एकजुटता के साथ हम आगे बढ़ेंगे और केंद्र सरकार की जनविरोधी नीतियों को उजागर करते रहेंगे।

--आईएएनएस

एकेएस/एबीएम

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