'सामना' में ईडी पर तीखी टिप्प्णी, मुख्य न्यायाधीश गवई की जमकर सराहना

'सामना' में ईडी पर तीखी टिप्प्णी, मुख्य न्यायाधीश गवई की जमकर सराहना

'सामना' में ईडी पर तीखी टिप्प्णी, मुख्य न्यायाधीश गवई की जमकर सराहना

author-image
IANS
New Update
'सामना' में ईडी पर सियासी आरोप, मुख्य न्यायाधीश गवई की जमकर सराहना

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मुंबई, 23 जुलाई (आईएएनएस)। कर्नाटक के मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर सवाल उठाए तो राजनीतिक दलों ने इसे बहस का मुद्दा बना लिया है। इसी बीच, शिवसेना के मुखपत्र सामना में जांच एजेंसी पर तीखी टिप्पणी करते हुए आपत्तिजनक शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया है।

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट की ईडी को फटकार के बाद सामना में लिखे लेख में आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा गया, अब मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने ईडी की टेढ़ी पूंछ को पकड़कर दे पटका है। इस लेख में मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की सराहना की गई है।

सामना में मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की टिप्पणियों का हवाला देते हुए लिखा है, ईडी राजनीति करती है, राजनीतिक रूप से संवेदनशील मामलों में सत्ताधारियों की कठपुतली की तरह काम करती है। ईडी का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है।

इस लेख में जिक्र है कि ईडी को सुप्रीम कोर्ट से फटकार कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के जमीन मामले में मिली है। साथ ही, पूछा गया कि मुख्य न्यायाधीश ने ऐसे कड़े शब्दों में फटकार लगाई, लेकिन क्या ईडी समझदारी दिखाएगी?

सामना में लेख के जरिए आरोप लगाए गए कि कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने से भाजपा संतुष्ट नहीं थी, इसलिए भाजपा ने कर्नाटक में ईडी को खुली छूट दे दी।

इसमें लिखा है, ईडी कांग्रेस नेताओं के पीछे लग गई और महाराष्ट्र की तरह कर्नाटक में भी इस तरह से कार्रवाइयां शुरू कर दीं, जैसे कि विपक्षी सरकार गिराने की सुपारी ले ली हो। महादेव ऐप मामले में ईडी ने छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरा। बघेल के बेटे को भी गिरफ्तार किया। सर्वोच्च न्यायालय ने इस ओर ध्यान दिलाया कि विपक्षी दलों के मामले में ये सारी गतिविधियां लगातार हो रही हैं और ईडी का इस्तेमाल राजनीति में भाजपा के मोहरे की तरह किया जा रहा है।

लेख में आगे लिखा है, महाराष्ट्र में जिन लोगों के खिलाफ ईडी को कार्रवाई करनी चाहिए और जिन अपराधियों को जेल में डालना चाहिए, ऐसे सबसे ज्यादा लोग मंत्रिमंडल और सत्ताधारी दल में हैं, लेकिन कार्रवाइयां भाजपा और शिंदे के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ की जाती हैं। जहां विपक्षी दलों की सरकारें हैं, वहां ईडी पूरी ताकत से अपना काम कर रही है।

इसमें लिखा है, ईडी जैसी एजेंसी का कई बार पर्दाफाश हुआ है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को बड़ा झटका दिया है। इसके लिए मुख्य न्यायाधीश गवई की जितनी भी सराहना की जाए कम है।

--आईएएनएस

डीसीएच/एएस

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment