संभल,14 जून(आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पांच नदियों के पुनरुद्धार की महत्वाकांक्षी योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। जिला अधिकारी राजेन्द्र पैंसिया ने शनिवार को बताया कि एक जिला-एक नदी पुनर्जीवन अभियान के क्रम में आठ महीने से एक प्रोजेक्ट पर काम हो रहा है, जिसमें हम पांच नदियों का पुनरुद्धार कर रहे हैं। इनमें से महिष्मति नदी 87 देवतीर्थों में से एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल, इसको नई पहचान मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इन नदियों को नया जीवन देने की प्रक्रिया जारी है, जिनमें 60 प्रतिशत कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसमें 102 किलोमीटर लंबी सोत नदी का पुनरुद्धार पिछले साल पूरा हो चुका है। इसके किनारे पर 11 हजार से अधिक बांस लगाए गए थे। इस बार भी तटबंध पर पौधे लगाए जा रहे हैं। अरिल नदी का 90 प्रतिशत पुनरुद्धार हो चुका है। रास्ते का अतिक्रमण हटवा दिया गया है। इस बार बारिश में नदी का जलस्तर अच्छा होगा। वर्धामार नदी का पुनरुद्धार हो चुका है, वहीं महावा नदी पर 13 किलोमीटर का पुनरुद्धार पूरा हो गया है।
जिला अधिकारी राजेन्द्र पैंसिया ने प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि महिष्मती नदी का नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत पुनरुद्धार किया जाएगा। महिष्मती नदी संभल नगर के बीचोबीच बहती है और वर्तमान में एक सीवर नाले में तब्दील हो चुकी है, उसे पुनः तीर्थ के रूप में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि महिष्मति नदी 87 देवतीर्थों में से एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इसके ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए विशेषज्ञों की टीम द्वारा सर्वेक्षण किया गया है। योजना के अनुसार, इस नदी को निकटवर्ती नहरों से जोड़ा जाएगा, जिससे इसमें सालभर जल प्रवाह बना रहे। साथ ही शहर के सीवरेज का ट्रीटमेंट कर इसे नदी में प्रवाहित किया जाएगा, जिससे स्वच्छता बनी रहे।
उन्होंने दावा किया कि यह कार्य इसी वर्ष से शुरू हो जाएगा और इसके लिए विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है, जिससे योजना की गुणवत्ता और प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि सोत, महावा, अरिल, महिष्मति, और वर्धमार नदियां एक जिला, एक नदी परियोजना के तहत पुनर्जीवित की जा रही हैं।
जिला अधिकारी राजेन्द्र पैंसिया ने जानकारी देते हुए बताया कि महावा नदी लगभग 42 किलोमीटर लंबी, वर्धा मार नदी 14 किलोमीटर लंबी और महिष्मती नदी 18 किलोमीटर लंबी है।
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