साहिबगंज, 25 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के साहिबगंज में गंगा की लहरें डॉल्फ़िन को सबसे ज्यादा रास आ रही हैं। देशभर में किसी भी नदी खंड में डॉल्फ़िन की सबसे अधिक उपस्थिति दर साहिबगंज में दर्ज की गई है।
यहां गंगा के 89 किलोमीटर लंबे खंड में प्रति किलोमीटर औसतन 2.88 डॉल्फिन देखी गईं, जो राष्ट्रीय स्तर पर अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है। साहिबगंज के वन प्रमंडल पदाधिकारी प्रबल गर्ग ने बताया कि जून 2025 के पहले सप्ताह में भारत सरकार के वन्यप्राणी संस्थान द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में यह आंकड़ा सामने आया है। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट झारखंड में जलीय जैव विविधता को प्रोत्साहित करने वाली है।
गंगा की डॉल्फिन को भारत के राष्ट्रीय जलीय जीव का दर्जा प्राप्त है और यह वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-1 में शामिल है, जिससे इसे सर्वोच्च विधिक संरक्षण प्राप्त है। साहिबगंज खंड में डॉल्फिन की इतनी घनी उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि यहां की जल गुणवत्ता और पारिस्थितिकी इस विशिष्ट जलीय प्राणी के लिए आदर्श बनी हुई है। यह जलक्षेत्र डॉल्फिन के संरक्षण, आवास और प्रजनन के लिए बेहद अनुकूल साबित हो रहा है।
मार्च 2025 में जारी राष्ट्रव्यापी रिपोर्ट में भी यह संकेत मिला था कि प्रति किलोमीटर डॉल्फिन उपस्थिति के लिहाज से झारखंड का गंगा खंड देश का सबसे समृद्ध क्षेत्र है। अब जून के इस ताजा सर्वेक्षण ने इसे और अधिक पुष्ट कर दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह रिपोर्ट न केवल डॉल्फिन संरक्षण के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यदि नदियों की स्वच्छता और पारिस्थितिकी को बचाए रखा जाए, तो जैव विविधता किस प्रकार समृद्ध होती है।
डॉल्फिन की सर्वाधिक उपस्थिति साहिबगंज को पर्यटन की दृष्टि से भी एक नई पहचान दिला सकती है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस जलीय प्राणी की अठखेलियां देखने के लिए पर्यटक यहां आकर्षित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार के अवसरों में भी वृद्धि होगी।
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