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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
अस्ताना/नई दिल्ली, 12 नवंबर (आईएएनएस)। कजाकिस्तान के निचले सदन ने बुधवार को एक कानून पारित किया है। ऐसा कानून जिसका एलजीबीटी कम्युनिटी विरोध करती आई है। इसमें सख्त हिदायत है कि अगर एलजीबीटी प्रोपेगेंडा को बढ़ावा दिया गया तो जुर्माना भी लगेगा और बार-बार अपराध करने पर 10 दिन तक की जेल भी होगी।
कजाकिस्तान की संसद के निचले सदन ने बुधवार को ये कानून पारित किया, जो ऑनलाइन या मीडिया में एलजीबीटी संबंधी प्रचार पर प्रतिबंध लगाता है।
रॉयटर्स के अनुसार यह कानून रूस, जॉर्जिया और हंगरी जैसे देशों में पारित कानूनों से मिलता-जुलता है। अब इसे कजाकिस्तान की सीनेट में भेजा जाएगा, जहां इसके पारित होने की संभावना पूरी है।
कजाख राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव ने हाल के महीनों में बार-बार पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया है। ये विधेयक कानून का रूप तभी लेगा जब इस पर उनके हस्ताक्षर होंगे।
सांसदों ने सर्वसम्मति से प्रतिबंध के पक्ष में मतदान किया।
अधिकार समूहों ने इस विधेयक को पारित करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। बेल्जियम स्थित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार प्रतिबद्धताओं का स्पष्ट उल्लंघन है।
एक मुस्लिम बहुल लेकिन मुख्यतः धर्मनिरपेक्ष देश, कजाकिस्तान ने 1990 के दशक में समलैंगिकता को वैध कर दिया था।
विधेयक के समर्थन में कजाख शिक्षा मंत्री गनी बेइसेम्बेव ने सांसदों से कहा, बच्चे और किशोर प्रतिदिन ऑनलाइन ऐसी जानकारी लेते हैं, जो परिवार, नैतिकता और भविष्य के बारे में उनके विचारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
दरअसल, संस्कृति मंत्रालय ने एलजीबीटी प्रोपेगेंडा के बच्चों और किशोरों पर पड़ने वाले असर को लेकर एक अध्ययन कराया था। इसका नतीजा सार्वजनिक नहीं किया गया लेकिन सरकार की ओर से दावा किया गया कि ये बच्चों के खिलाफ है। 6 अगस्त, 2024 को प्रोपेगेंडा बैन को लेकर बात उठी जिसका एलजीबीटी एक्टिविस्ट ने सख्त विरोध किया था।
29 अक्टूबर को ही कजाकिस्तान की संसद के निचले सदन मजलिस ने एलजीबीटी प्रचार पर प्रतिबंध लगाने वाले संशोधनों को मंजूरी दी थी।
--आईएएनएस
केआर/
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