लखनऊ, 15 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने रिश्वतखोरी के एक मामले में बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने उत्तर रेलवे, लखनऊ के उप मुख्य अभियंता समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया।
रिश्वतखोरी के एक मामले में सीबीआई ने उत्तर रेलवे लखनऊ की गति शक्ति यूनिट के उप मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग), उत्तर रेलवे के मुख्य अभियंता (ओपन इंजीनियर) और प्राइवेट कंपनी के दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई ने यह मामला 14 जुलाई को आरोपी उत्तर रेलवे की गति शक्ति यूनिट के उप मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अभियंता (समन्वय), उत्तर रेलवे, वाराणसी; उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक, उत्तर रेलवे, वाराणसी; उत्तर रेलवे के वरिष्ठ अभियंता (निर्माण), उत्तर रेलवे, वाराणसी, उत्तर रेलवे के लेखा अनुभाग अधिकारी, उत्तर रेलवे, वाराणसी, उत्तर रेलवे के सहायक अभियंता कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक, एक निजी कंपनी, उस निजी कंपनी के दो कर्मचारियों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज किया था।
जांच के दौरान यह पता चला कि प्राइवेट कंपनी रेलवे का ठेका लेती है, जिसे वाराणसी के भदोई में गति शक्ति परियोजना के तहत एक कार्य निविदा दी गई है। यह कार्य आरोपी उप मुख्य अभियंता, गति शक्ति उत्तर रेलवे, लखनऊ की देखरेख में आता है। जांच एजेंसी ने लखनऊ में 4 स्थानों, वाराणसी में 6 स्थानों और गाजियाबाद में 1 स्थान पर छापा मारा, जहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
जांच में यह साबित हो गया कि प्राइवेट कंपनी की ओर से 14 जुलाई को आरोपी उप मुख्य अभियंता, उत्तर रेलवे, लखनऊ, ओएस, एनआर, लखनऊ, एसएसई (ड्राइंग) और सहायक एक्सईएन, एनआर को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
इसके बाद आरोपी उप मुख्य अभियंता को उसके कार्यालय से पकड़ लिया गया और आरोपी निजी व्यक्ति से लिए गए 2.50 लाख रुपए का अनुचित लाभ उसके कब्जे से बरामद कर लिया गया। इस धनराशि में आरोपी, एसएसई (ड्राइंग्स) द्वारा आरोपी ओएसई, एनआर, लखनऊ के माध्यम से प्राप्त रिश्वत शामिल है।
एक अन्य आरोपी सहायक एक्सईएन, एनआर, जिसने कथित तौर पर आरोपी निजी व्यक्ति से 2.75 लाख रुपए प्राप्त किए हैं, फरार है। उसकी तलाश के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों को मंगलवार को एलडी विशेष न्यायाधीश (पश्चिम), सीबीआई, लखनऊ की अदालत में पेश किया गया, जहां सभी को 28 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर रेलवे लखनऊ की गति शक्ति यूनिट के उप मुख्य अभियंता विवेक कुशवाहा, वरिष्ठ अभियंता (ड्राइंग) अशोक रंजन, उत्तर रेलवे लखनऊ की मुख्य अभियंता अंजुम निशा के साथ मेसर्स टैंगेंट इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी जिमी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह और प्रवीण कुमार सिंह शामिल हैं। जिमी सिंह उर्फ अजीत कुमार सिंह रेलवे ठेकेदार भी है। वहीं, उत्तर रेलवे के सहायक कार्यकारी अभियंता केके मिश्रा फरार हैं।
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