ऋषिकेश में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, अंतिम चरण में बजरंग सेतु का निर्माण

ऋषिकेश में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, अंतिम चरण में बजरंग सेतु का निर्माण

ऋषिकेश में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, अंतिम चरण में बजरंग सेतु का निर्माण

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IANS
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ऋषिकेश में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम, अंतिम चरण में बजरंग सेतु का निर्माण

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

ऋषिकेश, 3 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तराखंड के ऋषिकेश में पर्यटन को एक नई पहचान देने की दिशा में उत्तराखंड सरकार की ओर से एक और अहम कदम उठाया गया है। चीन की तर्ज पर 132.30 मीटर लंबा बजरंग सेतु (कांच का पुल) का निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही इस सेतु को श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।

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यह आधुनिक कांच का पुल न सिर्फ तीर्थनगरी की सुंदरता में चार चांद लगाएगा, बल्कि रोमांच प्रेमियों के लिए भी एक आकर्षण का केंद्र बनेगा। बजरंग सेतु का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा युद्धस्तर पर किया जा रहा है और फिलहाल पुल पर साज-सज्जा का कार्य तेजी से जारी है।

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता विजय कुमार मोघा ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में बताया कि बजरंग सेतु का लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। सेतु के दोनों ओर केदारनाथ की आकृति वाले खंभों पर झोपड़ियों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके साथ ही, पुल को तेज हवा में संतुलन देने के लिए लिंग शू और विंड शू तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि पुल पर जल्द ही पेंटिंग का कार्य भी शुरू किया जाएगा और 30 अगस्त तक कांच बिछाने का कार्य पूरी तरह से पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके बाद, 15 सितंबर तक बजरंग सेतु को अंतिम रूप दिया जाएगा और आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।

बता दें कि ऋषिकेश का ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला इस वक्त मुख्य आकर्षण का केंद्र है। हर साल ऋषिकेश आने वाले लाखों श्रद्धालु लक्ष्मणझूला पुल से गंगा नदी का दीदार करते रहे हैं, लेकिन आने वाले वक्त में इस पुल की जगह बजरंग सेतु ले लेगा। लोक निर्माण विभाग यहां बजरंग सेतु का निर्माण करा रहा है, जो लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा।

बजरंग सेतु के दोनों ओर जो टावर बनाए जा रहे हैं, उन्हें केदारनाथ मंदिर की आकृति की तर्ज पर बनाया जाएगा। टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला यह पुल श्री लेन का होगा। इस पुल के बीच में छोटे चौपहिया वाहन गुजर सकेंगे। पुल के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए होगी। पुल के दोनों तरफ कांच का पैदल पथ बनेगा। इस पर खड़े होकर सैलानी 57 मीटर ऊंचाई से गंगा की बहती जलधारा का अद्भुत नजारा देख सकेंगे और इस पर चहलकदमी कर सकेंगे। इस कांच की मोटाई 65 मिमी होगी, जो बेहद मजबूत होता है।

--आईएएनएस

पीएसके

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
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