हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही खास माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव का प्रिय होता है. इस महीने में भक्त बड़ी श्रद्धा से भोलेनाथ की पूजा करते हैं, व्रत रखते हैं और उनसे खुशहाली की प्रार्थना करते हैं. वहीं मान्यता है कि सावन अगर शिव जी आपकी पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं तो आपकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है. कुंवारी लड़कियां अपने मनपसंद वर की प्राप्ति के लिए सावन में भोलेनाथ की पूजा करती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार की खुशहाली के लिए माता पार्वती और भगवान शिव की अराधना करती हैं. लेकिन फिर भी इस महीने में शादी नहीं होती है. आइए आपको इसके पीछे की वजह बताते है.
क्या है धार्मिक वजह
दरअसल, इसके पीछे धार्मिक वजह है. सावन का महीना चातुर्मास के समय आता है. इस दौरान भगवान विष्णु चार महीने के लिए योग निद्रा यानी गहरी नींद में चले जाते हैं. वहीं मान्यता के अनुसार, शादी-विवाह जैसे बड़े मांगलिक काम भगवान विष्णु के आशीर्वाद के बिना पूरे नहीं हो सकते. इसलिए जब वह योग निद्रा में होते हैं, तब ऐसे मांगलिक कार्यों पर रोक लगाई जाती है.
धरती का संचालन
जब भगवान विष्णु ध्यान की अवस्था में होते हैं, तब वह धरती का संचालन भगवान शिव को सौंप देते हैं. इस समय भगवान शिव की पूजा आराधना की जाती है, लेकिन वह खुद शादी समारोह में शामिल नहीं होते, इसलिए सावन में शादी करना शुभ नहीं माना जाता.
सावन महीने की शुरुआत
इसलिए इस महीने में शादी-विवाह का आयोजन ना के बराबर होता है. भक्त इस महीने में पूरी भक्ति और श्रद्धा के साथ भोलेनाथ की पूजा करते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की कामना करते हैं. इस साल सावन 11 जुलाई से शुरू होगा. इस बार सावन के पहले दिन शिववास योग बन रहा है, यह एक विशेष योग है. इस शुभ योग में भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान रहेंगे. भगवान शिवजी की पूजा और जलाभिषेक करने से साधक को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और मनचाहा वरदान प्राप्त होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)