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आज से शुरू हो रहा है खरमास, बंद हो जाएंगे शुभ काम, जानिए इसकी पौराणिक कहानी

खरमास/ मलमास से जुड़ी पौराणिक कथा, यहां हम आपको बता रहे है इससे जुड़ी कहानी

Updated on: 15 Mar 2019, 11:59 AM

नई दिल्ली:

हिन्दू पंचांग के अनुसार जब सूर्य बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करता है तब इसी के साथ ही खरमास/ मलमास/अधिमास प्रारंभ हो जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, आज 15 मार्च शुक्रवार को सुबह 5 बजकर 55 शुरू हो रहा है. हिंदू धर्म में मान्यता है कि मलमास या खरमास का महीना शुभ नहीं होता है. इस दौरान कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. क्या आप जानते हैं, खरमास/ मलमास से जुड़ी पौराणिक कथा, यहां हम आपको बता रहे है इससे जुड़ी कहानी.

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मलमास क्यों कहा जाता है

हिंदू धर्म में इस दौरान सभी पवित्र काम वर्जित माने गए हैं. माना जाता है कि यह मास मलिन होता है. इसलिए इस मास के दौरान हिंदू धर्म के विशिष्ट व्यक्तिगत संस्कार जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत, विवाह और सामान्य धार्मिक संस्कार जैसे गृहप्रवेश आदि आमतौर पर नहीं किए जाते हैं. मलिन मानने के कारण ही इस मास का नाम मलमास पड़ गया है.

पौराणिक कथा

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ग्रंथों के अनुसार भगवान सूर्यदेव 7 घोड़ों के रथ पर सवार होकर लगातार ब्रह्मांड की परिक्रमा करते रहते हैं. उन्हें कहीं पर भी रुकने की इजाजत नहीं है. उनके रुकते ही जनजीवन भी जो ठहर जाएगा. लेकिन जो घोड़े लगातार चलने व विश्राम न मिलने के कारण भूख-प्यास से बहुत थक जाते हैं. उनकी इस दशा को देखकर सूर्यदेव का मन भी द्रवित हो गया. भगवान सूर्यदेव उन्हें एक तालाब किनारे ले गए लेकिन उन्हें तभी यह भी आभास हुआ कि अगर रथ रुका तो अनर्थ हो जाएगा. लेकिन घोड़ों का सौभाग्य कहिए कि तालाब के किनारे दो खर मौजूद थे.

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भगवान सूर्यदेव घोड़ों को पानी पीने व विश्राम देने के लिए छोड़ देते हैं और खर यानी गधों को अपने रथ में जोड़ लेते हैं. रथ की गति धीमी हो जाती है फिर भी जैसे-तैसे 1 मास का चक्र पूरा होता है, तब तक घोड़ों को भी विश्राम मिल चुका होता है. इस तरह यह क्रम चलता रहता है. खरमास अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 15 दिसंबर के आसपास सूर्यदेव के धनु राशि में संक्रमण से शुरू होता है व 14 जनवरी को मकर राशि में संक्रमण न होने तक रहता है. इसी तरह 14 मार्च के बाद सूर्य, मीन राशि में संक्रमित होते हैं. इस दौरान लगभग सभी मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं.

इन कार्यों से बचें

1. खरमास में शादी जैसे कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते. इस दौरान शुभ काम का फल नहीं मिलता.

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2. इस महीने के दौरान संपत्ति की खरीद भी बेहद अशुभ होती है. इससे बचना चाहिए.

3. नया वाहन नहीं खरीदना चाहिए.