Chhath Puja 2025 Kharna: छठ महापर्व के दूसरे दिन खरना पूजा में क्या करें और क्या नहीं? यहां जानें नियम

Chhath Puja 2025 Kharna: छठ पूजा व्रत करने वाली महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि खरना के दिन ही छठी मैया का घर में आगमन होता है. चलिए जानते हैं कि खरना पूजा के दिन किन कार्यों से बचना चाहिए.

Chhath Puja 2025 Kharna: छठ पूजा व्रत करने वाली महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि ऐसी मान्यता है कि खरना के दिन ही छठी मैया का घर में आगमन होता है. चलिए जानते हैं कि खरना पूजा के दिन किन कार्यों से बचना चाहिए.

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Akansha Thakur
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Chhath Puja 2025 Kharna

Chhath Puja 2025 Kharna (Instagram)

Chhath Puja 2025 Kharna: छठ पूजा बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल जैसे क्षेत्रों में धूम-धाम से मनाया जता है.  यह पर्व चार दिनों तक चलता है. ऐसी मान्यता है कि इस  व्रत को करने से संतान और परिवार की सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. छठ पर्व की धूम न केवल बिहार में देखने को मिलती है बल्कि भारत के कई स्थानों पर इस पर्व को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. ऐसे में चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि खरना पूजा के दिन आपको किन-किन बातों का विशेष रुप से ध्यान रखना चाहिए. 

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खरना का महत्व 

खरना का अर्थ होता है शुद्धता. ऐसे में इस दिन शुद्धता व पवित्रता का खास तौर पर ध्यान रखा जाता है ताकि पूजा में किसी तरह की बाधा न आए. इस दिन पर व्रती प्रसाद बनाने के लिए मिट्टी के नए चूल्हे का इस्तेमाल करती हैं. साथ ही चूल्हा जलाने के लिए आम की लकड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है जिससे  प्रसाद की पवित्रता बनी रहती है. इस दिन पर पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को देवी-देवताओं और छठी मैया को भोग लगाने के बाद व्रत का पारण किया जाता है.  

खरना पूजा में क्या करना चाहिए?

  • खरना पूजा के लिए सुबह स्नान और ध्यान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. 
  • पूजा का प्रसाद बनाने के लिए हमेशा साफ-सुथरी जगह का चुनाव करें. 
  • प्रसाद में गुड़, चावल और दूध से  बनी खीर, पूरी व ठेकुआ आदि शामिल करें. 
  • छठी मैया को इस प्रसाद का भोग लगाएं और फिर व्रती इसे ग्रहण करें. 

खरना पूजा पर न करें ये गलतियां 

  • व्रत के प्रसाद में भूल से भी साधारण नमक का इस्तेमाल न करें इसके लिए हमेशा सेंधा नमक का इस्तेमाल करें. 
  • पूजा में इस्तेमाल होने वाली किसी भी सामग्री को गंदे या जूठे हाथों से न छुएं. 
  • यदि गलती से गंदे या जूठे हाथों से किसी पूजा की सामग्री को छू लेते हैं तो इसका पूजा में इस्तेमाल न करें. 
  • प्रसाद बनाते  समय शुद्धता व साफ-सफाई का पूर्ण  रूप से ध्यान रखें. 
  • खरना का प्रसाद पूर्ण रूप से सात्विक होना चाहिए. 

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