Vinayaka Chaturthi 2025: मार्गशीर्ष मास की विनायक चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र

धर्म-कर्म Vinayaka Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी 24 नवंबर 2025 को मनाई जा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भद्रा काल की स्थिति, व्रत का महत्व, कथा और गणेश मंत्र के बारे में.

धर्म-कर्म Vinayaka Chaturthi 2025: विनायक चतुर्थी 24 नवंबर 2025 को मनाई जा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, भद्रा काल की स्थिति, व्रत का महत्व, कथा और गणेश मंत्र के बारे में.

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Akansha Thakur
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Vinayaka Chaturthi 2025

Vinayaka Chaturthi 2025

Vinayaka Chaturthi 2025: हर महीने शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. यह दिन भगवान गणेश को समर्पित होता है. माना जाता है कि इस दिन विघ्नहर्ता गणेश जी की पूजा करने से जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं. इस बार मार्गशीर्ष महीने की विनायक चतुर्थी आज यानी 24 नवंबर 2025 सोमवार को मनाई जा रही है. सोमवार का दिन गणेश पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है, इसलिए यह तिथि और भी पावन मानी जा रही है. ऐसे में चलिए जानते हैं विनायक चतुर्थी पर शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और धार्मिक महत्व के बारे में. 

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विनायक चतुर्थी 2025 तिथि और शुभ मुहूर्त 

चतुर्थी तिथि 23 नवंबर शाम 07 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ होगी और आज यानी 24 नवंबर रात 09 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी. आज विनायक चतुर्थी पर भद्रा का साया भी रहेगा जो आमतौर पर शुभ कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है. लेकिन इस बार एक विशेष स्थिति बनेगी या इस बार भद्रा काल सुबह 08 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 09 बजकर 22 मिनट तक रहेगा भद्रा का वास पाताल लोक में होगा, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भद्रा का वास पाताल लोक में होता है तब यह शुभ कार्यों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं डालती इसलिए इस दिन गणेश पूजा या किसी भी शुभ कर्म में बाधा नहीं आएगी. 

विनायक चतुर्थी 2025 पूजा विधि

विनायक चतुर्थी पर सुबह स्नान कर स्वच्छ और preferably लाल या पीले वस्त्र पहनें.इसके बाद पूजा स्थान पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. गंगाजल से शुद्धि करें और रोली, अक्षत, दूर्वा घास अर्पित करें. लाल या पीले फूल चढ़ाएं. घी का दीपक और धूप जलाएं. मोदक, लड्डू, गुड़-चना या केले का भोग लगाएं. व्रत करने वाले दिन भर सात्विक भोजन करें. गणेश जी के मंत्रों का जाप करें और गणेश चालीसा या स्तुति का पाठ करें. अंत में आरती करें और प्रसाद सभी को वितरित करें.

विनायक चतुर्थी की कथा

मान्यता है कि एक समय देवताओं और ऋषियों को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा. वे भगवान शिव के पास समाधान के लिए पहुंचे. तब भगवान शिव ने गणेश जी को सभी विघ्न दूर करने का आदेश दिया. गणेश जी ने आशीर्वाद देते हुए कहा“जो भी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मेरी पूजा करेगा, उसके जीवन से सभी विघ्न दूर होंगे. तभी से विनायक चतुर्थी का व्रत रखने की परंपरा शुरू हुई. इस व्रत से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-शांति आती है.

विनायक चतुर्थी 2025 गणेश मंत्र एवं स्तुति

 मूल मंत्र

ॐ गं गणपतये नमः।

विघ्न विनाशक मंत्र

वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।

गणेश स्तुति

श्री गणेशाय नमः
सिद्धि-बुद्धि सहितं देवं
स्मरणं सिद्धिदायकम्।

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