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आत्मा का मोह Photograph: (Freepik (AI))
मनुष्य की औसत आयु तय है लेकिन बहुत लोगों की कम उम्र में कष्टकारी एवं असमय मृत्यु हो जाती है लेकिन सभी मृत्यु के कारण अलग-अलग होते हैं. मृत्यु के बाद आत्मा एक यात्रा पर निकलती है, जिसमें वह अपने पिछले जीवन के कर्मों का फल भोगती है. यह माना जाता है कि आत्मा अमर है और शरीर केवल उसका एक वाहन है. मृत्यु के समय, आत्मा शरीर को छोड़कर एक नए जन्म के लिए प्रस्थान करती है. ये अमर तत्व है जो शरीर के नष्ट होने के बाद भी जीवित रहता है. आत्मा को पुनर्जन्म का चक्र माना जाता है, जिसके अनुसार आत्मा मृत्यु के बाद एक नए शरीर में जन्म लेती है. लेकिन जिनकी अकाल मृत्यु हो जाती है उनकी आत्माओं का मोह कितना खतरनाक होता है आइए जानते हैं.
आत्मा का मोह होता है इतना खतरनाक
अगर आपके किसी खास करीबी की मृत्यु किसी एक्सीडेंट के दौरान हो जाए तो आपको एक गलती भूलकर भी नहीं करनी चाहिए. वो गलती है उस इंसान को बार-बार याद करना. बार-बार उसके ख्यालों में खो जाना, क्योंकि जिन इंसानों की मृत्यु अकाल काल में हो जाती है, उन इंसानों की आत्मा इस ब्रह्मांड से बाहर नहीं जाती. वो आत्माएं इसी ब्रह्मांड में विचरण करती रहती है. जब तक उनके मरने की अंतिम तिथि सामने नहीं आ जाती.
जब आप बहुत ज्यादा रोते हो तो ये आत्माएं आपको अपने प्रति मोह लगाया हुआ देखकर आपको अपने पास खींचकर अपनी दुनिया में ले जाने की कोशिश करती हैं. आप बहुत ज्यादा याद कर रहे हो, बहुत ज्यादा रो रहे हो, उन आत्माओं को लगता हैं कोई मेरा खास हैं जिनसे मैं बात कर सकती हूं क्योंकि आत्माएं बहुत तड़पती हैं.
इनको एक ऐसा इंसान चाहिए जिससे वो बात कर सकें, अपने बारे में बता सके और अपनी इच्छाएं व्यक्त कर सकें. जब आप इंसानी रूप में होते हो तो ये उस काम को कर नहीं पाती. इसीलिए आपकी मृत्यु करके ये आपको अपनी दुनिया में खींच लेती हैं. इसलिए कहा जाता है कि एक्सीडेंट में किसी करीबी की मृत्यु के बाद आत्माओं का मोह खतरनाक हो सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार, आत्माएं इस ब्रह्मांड में विचरण करती रहती हैं जब तक उनकी अंतिम तिथि नहीं आ जाती. बार-बार याद करने और रोने से आत्माएं आपको अपनी दुनिया में खींचने की कोशिश करती हैं. इससे बचने का सबसे कारगर उपाय यही है कि आप मृतक के मोह को छोड़ दें.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)