भगवान शिव का यह मंदिर है रहस्यों से भरा हुआ, जहां पत्थरों से आती है डमरू की आवाज

भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो कि अपने रहस्यों पौराणिक इतिहास के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. इन मंदिरों में कुछ ऐसे रहस्य हैं जिनकी वजह से यह पूरी दुनिया में फेमस है.

भारत में कई ऐसे मंदिर हैं जो कि अपने रहस्यों पौराणिक इतिहास के लिए दुनियाभर में जाने जाते हैं. इन मंदिरों में कुछ ऐसे रहस्य हैं जिनकी वजह से यह पूरी दुनिया में फेमस है.

author-image
Nidhi Sharma
New Update
Shiv Temple

Shiv Temple Photograph: (Social Media)

सावन का महीना जल्द ही शुरू होने वाला है और भगवान शिव के भक्त उनके दर्शन करने के लिए मंदिर में दर्शन करने के लिए जाते है. वहीं आज हम आपको शिवजी का एक ऐसा मंदिर बताने जा रहे हैं जो कि एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है. इसके अलावा यह मंदिर अपने चमत्कार और रहस्यों के लिए भी जाना जाता है. आइए आपको बताते हैं इस मंदिर के बारे में.

Advertisment

शिव मंदिर के बारे में 

इस शिव मंदिर का नाम जटोली शिव मंदिर है, जो कि हिमाचल प्रदेश की पहाड़ियों के बीच मौजूद है. यह मंदिर सोलन शहर से करीब 7 किमी की दूरी पर बना हुआ है. दक्षिण-द्रविड़ शैली में बने इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 111 फुट बताई जाती है. माना जाता है कि इसे बनाने में पूरे 39 साल का समय लगा था. वहीं मंदिर के ऊपरी छोर पर 11 फुट ऊंचा विशाल सोने का कलश स्थापित है. जो इसकी सुंदरता और भी बढ़ा देता है. 

पत्थरों से डमरू की आवाज

मंदिर के अंदर स्फटिक मणि शिवलिंग भी स्थापित है. इस मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं को 100 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है. मंदिर के भवन का निर्माण भी बहुत ही सुंदर और भव्य ढंग से किया गया है. कथा के अनुसार, भगवान शिव यहां एक रात के लिए आए थे और और कुछ समय के लिए रहे थे. भगवान शिव के बाद यहां स्वामी कृष्ण परमहंस तपस्या करने के लिए आए थे. मान्यता है कि यहां दर्शन करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. वहीं मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इस मंदिर में लगे पत्थरों को जब हाथों से थपथपाया जाता है तो उनमें भगवान शिव के डमरू की आवाज आती है.

जलकुंड का रहस्य

मंदिर के पास एक जलकुंड बना हुआ है. मान्यता के अनुसार भगवान  शिव जटोली में आ कर रहे थे और भगवान शिव के परम भक्त स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने भगवान शिव की घोर तपस्या यहां की थी. तब यहां पानी की बहुत अधिक समस्या हुआ करती थी. स्वामी कृष्णानंद परमहंस के तप से प्रसन्न होकर शिवजी ने अपने त्रिशूल के प्रहार से जमीन में से पानी निकाला. तब से लेकर आज तक जटोली में पानी की समस्या नहीं है. लोग इस पानी को चमत्कारी मानते हैं. इनका मानना है कि इस जल में किसी भी बीमारी को ठीक करने के गुण हैं.

Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्म सेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

सावन 2025 sawan 2025 एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर Highest Shiv Temple Mystery crystal gem shivling Shiva temple in Solan Asia tallest Shiva temple shiv temple Religion News in Hindi
Advertisment