Shadi Muhurat 2025: चातुर्मास के बाद इस दिन से बजेगी शहनाई, जानें शादी के मुहूर्त

Shadi Muhurat 2025: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि शादी, सगाई जैसे अवसरों के लिए विशेष रूप से गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति को देखा जाता है.

Shadi Muhurat 2025: हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम करने से पहले शुभ मुहूर्त देखा जाता है. ऐसा माना जाता है कि शादी, सगाई जैसे अवसरों के लिए विशेष रूप से गुरु और शुक्र ग्रह की स्थिति को देखा जाता है.

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Nidhi Sharma
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Shadi Muhurat 2025

Shadi Muhurat 2025 Photograph: (Freepik)

Shadi Muhurat 2025: इस साल चातुर्मास की शुरुआत 6 जुलाई से होगी, जिसके बाद चार महीने तक चातुर्मास ही रहेगी. जिसमें मांगलिक कार्य करना शुभ नहीं माना जाता है. चातुर्मास के दिनों में अगर शुभ कार्यों को किया जाए तो सफलता हासिल नहीं होती है और जीवनभर परेशानियों का सामना करना पड़ता है.  चातुर्मास के दौरान जगत के पालनहार भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं, इसलिए इस दौरान सभी कार्यों पर रोक लग जाती है. इसकी शुरुआत देवशयनी एकादशी से शुरू होता है और देवउठनी एकादशी पर समाप्त होता है. आइए आपको बताते हैं कि अब कब शहनाई बजेगी.

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इस दिन होगी समाप्ति

इस साल चातुर्मास की शुरुआत 6 जुलाई से होगी, जिसके बाद चार महीने तक चातुर्मास ही रहेगा. फिर 1 नवंबर 2025 को देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास की समाप्ति के साथ सभी शुभ-मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे.

इस दिन से बजेगी शहनाई 

चातुर्मास 1 नवंबर को समाप्त होंगे और इसके अगले दिन 2 नवंबर 2025 को तुलसी विवाह के दिन से शादी की शहनाई बजना शुरू हो जाएगी. तुलसी विवाह के दिन विवाह करना अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है.

नवंबर में शुभ मुहूर्त 

नवंबर में 2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25 और 30 नवंबर का दिन विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ रहेगा.

दिसंबर में शुभ मुहूर्त 

दिसंबर में 4, 5 और 6 दिसंबर को विवाह के लिए शुभ योग बन रहा है. इन दिनों को विवाह के लिए बहुत शुभ माना जा रहा है.

क्यों नहीं होते विवाह

चातुर्मास में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश न होने के कई कारण है. दरअसल इस दौरान विष्णु जी योग निद्रा में रहकर विश्राम करते हैं. शुभ कार्य में जगत के पालनहार का आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता है. इसलिए चातुर्मास में शुभ काम करना अच्छा नहीं माना जाता. वहीं ज्योतिष कारण देखें तो इस दौरान ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं रहती है. गुरु या शुक्र का अस्त काल रहता है. ये ग्रह वैवाहिक जीवन और सुख-समृद्धि का प्रतीक माने जाते हैं, इनके उदय के बिना विवाह करने पर वैवाहिक जीवन सफल नहीं होता.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

 

 

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