Rudrabhishek: श्रावण मास भगवान शिव की भक्ति के लिए विशेष रूप से पवित्र माना जाता है. इस महीने में भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, जलाभिषेक करते हैं और कांवड़ यात्रा पर जाते हैं. वहीं, कई श्रद्धालु रुद्राभिषेक करवाकर महादेव का आशीर्वाद पाने की कोशिश करते हैं. सावन में रुद्राभिषेक कराने से जीवन के कई कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मकता का संचार होता है.
आइए जानते हैं इसके 5 प्रमुख लाभ—
1. ग्रह दोषों से मुक्ति
पंडित जी बताते हैं कि सावन में रुद्राभिषेक करवाने से जातक को ग्रह दोषों से राहत मिलती है. विशेष रूप से कालसर्प दोष, पितृ दोष और अन्य अशुभ ग्रहों के प्रभाव कम होते हैं. अभिषेक के दौरान जल, दूध, शहद, घी और बेलपत्र जैसे पवित्र द्रव्यों से शिवलिंग का स्नान कराया जाता है, जिससे दोष शांत होते हैं.
2. बेहतर स्वास्थ्य की प्राप्ति
रुद्राभिषेक से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह व्यक्ति के भीतर की बेचैनी, चिंता और तनाव को कम करता है. साथ ही, शरीर को ऊर्जा और मन को शांति भी प्रदान करता है.
3. आर्थिक स्थिति में सुधार
अगर धन की समस्या बनी हुई है या व्यापार में रुकावट है, तो रुद्राभिषेक से लाभ हो सकता है. गन्ने के रस, शहद और घी से अभिषेक करने पर आर्थिक संकटों से राहत मिलती है और धन की प्राप्ति होती है.
4. मनोकामना पूर्ति
यदि कोई खास इच्छा या संकल्प पूरा करना चाहते हैं, जैसे शादी, संतान सुख या नौकरी तो रुद्राभिषेक से यह संभव है. पंचामृत और जल से अभिषेक करने पर भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं और इच्छाओं को पूर्ण करते हैं.
5. घर में शांति और सकारात्मकता
पंडित द्विवेदी के अनुसार, रुद्राभिषेक घर के वातावरण को भी सकारात्मक बनाता है. इससे परिवार में प्रेम, सामंजस्य और स्थिरता आती है. पारिवारिक कलह और परेशानियां दूर होती हैं.
रुद्राभिषेक एक पवित्र और प्रभावशाली धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे सावन के महीने में करवाना अत्यंत शुभ माना जाता है. यदि आप भी जीवन की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो किसी योग्य पंडित से विधिवत रुद्राभिषेक जरूर करवाएं. इससे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का मार्ग प्रशस्त होगा.
यह भी पढ़ें: Rudrabhishek: गलती से भी इन तिथियों पर न करें भगवान शिव का रुद्राभिषेक, जानें किस दिन करना है शुभ
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इसके बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर इसे प्रस्तुत किया गया है.)