Identify Real Rudraksha: रुद्राक्ष भारत में सबसे अधिक पाया जाता है. हिमालय क्षेत्र के अलावा आप इसे नेपाल, इंडोनेशिया, थाईलैंड, मलेशिया, और सिंगापुर जैसे एशियाई देशों में भी देख सकते हैं. हिमालयी क्षेत्र, जिसमें नेपाल और भारत शामिल हैं, विशेषकर केदारनाथ, बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग, और हरिद्वार के पास, रुद्राक्ष की प्रमुख उत्पादन स्थलों में से एक है. यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में पेड़ों पर रुद्राक्ष मिलते हैं और यहां से यात्रा करने आए लोग इसे लेकर जाते हैं. नेपाल भी एक ऐसा देश है जहां रुद्राक्ष की प्राकृतिक वृद्धि हो रही है और यह वहां के वन्यजनों द्वारा खोजा जा सकता है. इसके अलावा, एशियाई देशों में भी रुद्राक्ष पाया जा सकता है, लेकिन भारत और नेपाल ही इसे विशेष रूप से प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध हैं. आइए जानते हैं कि आखिर रुद्राक्ष उत्त्पन्न कैसे होता है और असली रुद्राक्ष की पहचान क्या है.
रुद्राक्ष कैसे उत्पन्न होता है?
रुद्राक्ष, एक अमूल्य रत्न है, विशेषकर रुद्राक्ष पेड़ (Elaeocarpus ganitrus) के फल से प्राप्त होता है. इस पेड़ का वृक्ष विभिन्न भागों में विकसित होता है और उसके फल को रुद्राक्ष कहा जाता है.
उत्पन्न प्रक्रिया:
पेड़ का विकास: रुद्राक्ष पेड़ का विकास विभिन्न अंगों के साथ होता है, जिसमें पुराने पत्तियां, नए पत्तों के साथ, बूँदें और फूल शामिल होते हैं.
फूलों का विकास: पेड़ का फूल विकसित होता है जो धीरे-धीरे बड़कर एक छोटे से गोले की तरह बन जाता है.
फलों का रूप: फूल के बाद, रुद्राक्ष फलों में बदल जाता है. यह फल गोला आकार का होता है और इसमें कई मुख होते हैं, जिन्हें मुख या मुक्ति रुद्राक्ष कहा जाता है.
पेड़ पर पकना: फल पेड़ पर पकने के बाद, इसे सुकने और फिर गिरने का समय आता है.
सुकना और गिरना: सुकने के बाद, रुद्राक्ष गिरता है और इसे धरा से इकट्ठा किया जा सकता है.
रुद्राक्ष का उत्पन्न होने की प्रक्रिया में प्राकृतिक और आध्यात्मिक तात्पर्य होता है, जिससे इसे धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है.
असली रुद्राक्ष की पहचान
मुख्य रुद्राक्ष का रंग: असली रुद्राक्ष का रंग स्थायी और बृहस्पति ग्रह के साथ मेल खाता है, जिससे वह भूरा या लाल होता है.
मुख्य रुद्राक्ष की मुखपुटी: असली रुद्राक्ष की मुखपुटी का अंतर्निहित भाग धरातल से बाहर नहीं आता है.
मुख्य रुद्राक्ष की छाल: असली रुद्राक्ष की छाल समृद्धि, सफलता, और धन की ओर इशारा करती है.
गर्भ में बीज होना: असली रुद्राक्ष की गर्भ में एक छोटा सा बीज होता है, जो पूरी तरह से अच्छी गुणवत्ता का होता है.
रुद्राक्ष की चार मुखी: असली चार मुखी रुद्राक्ष में चार विभिन्न मुख होते हैं जो धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष का प्रतीक होते हैं.
असली रुद्राक्ष को योग्य दुकानों या धार्मिक स्थलों से खरीदा जा सकता है, लेकिन सत्यापित विक्रेता से ही खरीदना चाहिए जो गुणवत्ता और पहचान की पूर्व-शर्त देता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
Source : News Nation Bureau