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गुरुवार को भगवान विष्णु की आराधना से मिलता है विशेष लाभ, ये है विधि 

केले के पेड की पूजा (Banana Tree Puja) करने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसा कहा गया है कि केले के पेड़ में विष्णु जी का वास होता है.

Updated on: 06 Jan 2022, 08:06 AM

highlights

  • गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है
  • धन से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए बहुत कारगर है
  • गोपी चंदन खासतौर पर वृंदावन की पवित्र रज से निर्मित होता है

नई दिल्ली:

गुरुवार का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित होता है. इस दिन पूरे विधि-विधान के साथ विष्णु भगवान की पूजा (Lord Vishnu Puja) होती है. गुरुवार के दिन केले के पेड की पूजा (Banana Tree Puja) करने से विशेष लाभ मिलता है.  ऐसा कहा गया है कि केले के पेड़ में विष्णु जी का वास होता है. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है. इस दौरान कई तरह की पूजन सामग्री का उपयोग किया जाता है. पूजा के दौरान कपूर, रोली, मौली (कलावा), चंदन, धूप-अगरबत्ती आदि का उपयोग किया जाता है. 

पूजा में इस्तेमाल होने वाली हर सामग्री अपने आप में महत्व रखती है. पूजा में गोपी चंदन का उपयोग किया जाता है. धन-लाभ और सुख-समृद्धि को लेकर गोपी चंदन का प्रयोग बेहद खास माना गया है. गोपी चंदन खासतौर पर वृंदावन की पवित्र रज से निर्मित होता है. आइए जानते हैं गुरुवार के दिन गोपी चंदन का प्रयोग कैसे आपको लाभ पहुंचाता है.

केले के पेड़ की ऐसे करें पूजा (Banana Tree Upay)

- ग्रंथों के अनुसार किसी भी माह गुरुवार को शुभ मुहूर्त में गोपी चंदन की नौ डलियां केले के पेड़ पर धागों की मदद से टांग दें. ऐसा कहा जाता है कि इन डालियों को अगर पीले रंग के धागे बांधा जाए तो और भी अच्छा होता है. गुरु-पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में ऐसा करने से अधिक लाभ मिलता है. 

- ऐसी मान्यता है कि इस विधि से पूजा करने से रूका हुआ धन प्राप्त होता है. कहा जाता है कि इससे धन से जुड़ी अन्य समस्याओं के लिए उपाय में  बहुत कारगर है. 

- गोपी चंदन के इस उपाय (Gopi Chandan Upay) से धन से जुड़ी समस्याओं का समाधान मिल जाता है. इतना ही नहीं, कर्ज से भी मुक्ति मिलती है.   

- इस विधि को सुबह अपनाने से काफी लाभ मिलता है. इसके साथ गोपी चंदन का ये उपाय करने से शरीर और मन शुद्ध होता है.

- द्वारका के गोपी तालाब की मिट्टी को गोपी चंदन का नाम दिया गया है. स्कन्द पुराण के मुताबिक गोपियों की भक्ति से प्रसन्न होकर ही श्री कृष्ण ने द्वारका में गोपी तालाब का निर्माण करा था. ऐसा कहा जाता है कि इस तालाब में स्नान करने से किसी व्यक्ति के शरीर की आभा बढ़ जाती है.