logo-image

बहुत बड़ी है यह फाल्गुन शनि अमावस्या, प्रसन्न करें शनिदेव औऱ पितरों को

फाल्‍गुन मास (Phalgun) की अमावस्‍या को शास्‍त्रों में धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना गया है और जब यह अमावस्‍या शनिवार के दिन होती है तो इसका महत्‍व और भी बढ़ जाता है.

Updated on: 13 Mar 2021, 01:13 PM

highlights

  • धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती
  • मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या है
  • शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा करने से लाभ

नई दिल्ली:

शनिदेव (Shani Dev) यदि जीवन में अशुभ फल प्रदान कर रहे हैं तो 13 मार्च का दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए बहुत ही शुभ है. इसदिन शनि अमावस्या है. फाल्‍गुन मास (Falgun) की अमावस्‍या को शास्‍त्रों में धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना गया है और जब यह अमावस्‍या शनिवार के दिन होती है तो इसका महत्‍व और भी बढ़ जाता है. इस बार की शनिश्‍चरी अमावस्‍या को सूर्यग्रहण के समान ही महत्‍वपूर्ण माना जा रहा है. इस बार अमावस्‍या पर कुछ उपाय करने से पितरों के साथ-साथ शनिदेव को भी प्रसन्‍न किया जा सकता है. आइए जानते हैं क्‍या हैं ये उपाय…

शनि अमावस्या के बड़ा धार्मिक महत्व
फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है. इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है. अमावस्या पर की जाने वाली पूजा से पितर प्रसन्न होते हैं. वहीं जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं. शनिवार के दिन अमावस्या की तिथि होने के कारण यह दिन शनि देव की पूजा के लिए भी उत्तम माना गया है. शनिवार का दिन शनिदेव को समर्पित है. जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या चल रही है, उन्हें इस शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है.

फाल्‍गुन अमावस्‍या का व्रत
धर्म-कर्म में अधिक रुचि रखने वाले लोग फाल्‍गुन अमावस्‍या का व्रत भी करते हैं और पितरों के निमित्‍त दान भी करते हैं. इसके साथ ही इस दिन पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण और श्राद्ध भी किया जाता है. यदि यह अमावस्‍या सोमवार, गुरुवार और शनिवार को हो तो सूर्यग्रहण से भी अधिक फल देने वाली होती है.

उड़द और काले तिल का दान
अमावस्‍या के दिन उड़द का दान करना बेहद शुभ माना जाता है. इस बार य‍ह शनिवार को पड़ने की वजह से इस दिन काले तिल या फिर काले उड़द का दान करना चाहिए. काले तिल का दान करने से आपके ऊपर से शनि की दशा के दुष्‍प्रभाव कम होते हैं और साथ ही आयु में भी वृद्धि होती है. जो लोग शनि की दशा की वजह से लगातार आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं उन्‍हें भी ऐसा करने से लाभ होता है और धन में वृद्धि होती है.

शमी का पेड़ लगाना
अमावस्‍या के दिन शमी का पौधा लगाना बेहद शुभ माना जाता है और जिनके घर में पहले से लगा हुआ है वह इस दिन शमी के पेड़ के नीचे सरसों के तेल या फिर तिल के तेल का दीपक जलाकर पूजा करें. ऐसा करना आपको शनिदेव की कृपा का पात्र बनाता है और हर प्रकार के शनि के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं. शमी के पेड़ की पूजा करने से भगवान शिव भी आपसे प्रसन्‍न होकर आपकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. अगर आपके घर में शमी का पेड़ सूख रहा है या फिर मुरझा रहा है कि तो इसे हटाकर इसके स्‍थान पर दूसरा पौधा लगा देना चाहिए.

नारियल का उपाय
शनि अमावस्‍या के दिन नारियल का यह उपाय भी बेहद कारगर माना जाता है. साबूत नारियल काटकर उसमें शक्कर, आटा, तिल भरकर मुंह को थोड़ा खुला छोड़कर नारियल को सुनसान स्थान में जमीन में इस तरह दबाएं कि कुछ भाग दिखता रहे. लाल किताब में बताया गया है कि शनि शांति के लिए यह बहुत ही लाभप्रद उपाय है.

शिवजी की पूजा से जुड़ा उपाय
शिवजी को शनि अपना गुरु मानते हैं, इसलिए शिवजी को प्रसन्‍न करने से शनिदेव भी प्रसन्‍न होते हैं. शनि अमावस्‍या के दिन किसी शिव मंदिर में जाएं और ओम नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए गाय के कच्चे दूध, दही, शहद से शिवजी का अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पित करें. ऐसा करने से आपको शनि की दशा में भी राहत मिलती है. इसके अलावा अमावस्‍या के दिन आप अपने पूर्वजों के निमित्‍त किसी जरूरतमंद साधु-संत को उनकी पसंदीदा वस्‍तुएं भी दान कर सकते हैं. ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद आपको प्राप्‍त होता है.

इन राशि पर है शनि की दृष्टि
वर्तमान समय में धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है. शनि देव की पूजा करने से शनि की अशुभता दूर होती है. शनिदेव को प्रसन्न रखना है तो कभी भी निर्धन व्यक्ति का अनादर न करें. इसके साथ ही परिश्रम करने वाले व्यक्तियों को कभी परेशान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से शनिदेव नाराज होते हैं और अशुभ फलों में वृद्धि करते हैं. कुष्ठ रोगियों की सेवा करने और उन्हे दवा सामग्री आदि से देने से भी शनि प्रसन्न होते हैं.