Sharad Purnima 2022 Shubh Muhurt, Yog aur Mahatva: मां लक्ष्मी और चंद्र देव की कृपा बरसाने आ रही है साल की अत्यंत विशेष शरद पूर्णिमा, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व
Sharad Purnima 2022 Shubh Muhurt, Yog aur Mahatva: मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूर्ण श्रद्धा से पूजा करता है उसके जीवन में धन का अभाव और स्वास्थ खराब कभी नहीं होता.
नई दिल्ली :
Sharad Purnima 2022 Shubh Muhurt, Yog aur Mahatva: हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है. इस बार शरद पूर्णिमा 9 अक्टूबर, रविवार को पड़ रही है. हिन्दू धर्म ग्रंथों में शरद पूर्णिमा का अत्यधिक महत्व है. माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा पूरी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है. इसके साथ ही, शरद पूर्णिमा के दिन ही समुद्र मंथन से मां लक्ष्मी प्रकट हुई थीं. इसी कारण से शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र देव के साथ साथ मां लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है. मान्यताओं के अनुसार, जो भी व्यक्ति शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूर्ण श्रद्धा से पूजा करता है उसके जीवन में धन का अभाव और स्वास्थ खराब कभी नहीं होता. मात्र शरद पूर्णिमा के दिन ही मां लक्ष्मी वैकुण्ठ धाम छोड़ धरती पर पूरा दिन वास करती हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं शरद पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त, योग और महत्व के बारे में.
शरद पूर्णिमा 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Sharad Purnima 2022 Tithi aur Shubh Muhurt)
पूर्णिमा तिथि का आरंभ 9 अक्टूबर, दिन रविवार को सुबह 3 बजकर 41 मिनट से हो रहा है. वहीं, इसका समापन 10 अक्टूबर, दिन सोमवार को सुबह 2 बजकर 25 मिनट पर होगा. इसके अतिरिक्त, चंद्रोदय का समय 9 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 58 मिनट है.
शरद पूर्णिमा 2022 शुभ योग (Sharad Purnima 2022 Shubh Yog)
इस साल शरद पूर्णिमा पर अत्यंत विशेष संयोग बन रहा है इस दिन वर्धमान के साथ धुव्र योग बन रहा है. इसके साथ उत्तराभाद्र और रेवती नक्षत्र बन रहा है. ऐसे में शरद पूर्णिमा का दिन अत्यधिक शुभ रहने वाला है. इस दिन की गई पूजा, दान और उपाय सदैव ही सफल परिणाम के सूचक बनते हैं.
शरद पूर्णिमा 2022 महत्व (Sharad Purnima 2022 Mahatva)
हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का काफी महत्व है. शरद पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान प्रकट हुई थी. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत तरीके से करने से सुख-समृद्धि, धन वैभव की प्राप्ति होती है. इसके अलावा, चंद्रमा को मन का कारण माना जाता है. ऐसे में चंद्र पूजन से न सिर्फ मन प्रसन्न रहता है अपितु किसी भी प्रकार की छोटी से छोटी एवं भयंकर से भयंकर स्वास्थ हानि भी नहीं होती.
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