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Panchak Dates 2020 : 17 अप्रैल से शुरू होगा पंचक काल, जानें क्या बरतें सावधानी

पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक काल' कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इस समय को अशुभ और हानिकारक माना जाता है. इन दिनों में लोगों को विशेष संभलकर रहने की आवश्यकता होती है.

Updated on: 15 Apr 2020, 10:48 AM

नई दिल्ली:

17 अप्रैल 2020, शुक्रवार से पंचक काल शुरू हो रहा है. हिंदू मान्यता के अनुसार पंचक का समय अशुभ समय माना जाता है. पंचक में धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं. इन्हीं पांच नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक काल' कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में इस समय को अशुभ और हानिकारक माना जाता है. इन दिनों में लोगों को विशेष संभलकर रहने की आवश्यकता होती है.

17 अप्रैल से शुरू होगा 'चोर पंचक'
17 अप्रैल 2020 दिन 12:18 मिनट से पंचक आरंभ होकर बुधवार 22 अप्रैल दोपहर 1:18 तक रहेगा. इस पंचक को 'चोर पंचक' भी कहा जाता है. अत: इस समयावधि में अधिक सतर्क रहना चाहिए. चूंकि इस काल को अशुभ माना जाता है, इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम करने की मनाही होती है. इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के शुभ काम नहीं करने चाहिए. इस दौरान किसी भी तरह की यात्रा भी नहीं करनी चाहिए. धन से जुड़े काम को भी इस दौरान करने की मनाही होती है. ज्योषियों का मानना है कि इस दौरान धन की भी हानि की संभावनाएं बनी रहती हैं.

पांच दिनों में न करें कोई यात्रा
पंचक के पांच दिनों में लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है. अगर कोई बहुत जरूरी काम भी हो तो किसी विशेषज्ञ से बातचीत के बिना न करें. ज्योतियों का कहना है कि इन पांच दिनों में लोगों को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए. इस दौरान घर की छत और खाट भी नहीं बनवानी चाहिए.