Dussehra Special: आज के दिन को क्यों कहा जाता है दशहरा या विजयदशमी, जानें
बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन जगह-जगह रावण के पुतले जलाए जाते हैं. दशहरे को तीन सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है.
नई दिल्ली:
हिंदुओं के लिए सबसे बड़े त्योहारों में से एक दशहरा देशभर में आज बड़े धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दिन को विजय दशमी के नाम से भी जाना जाता है जो जो 9 दिनों के नवरात्र के बाद आता है. दरअसल धर्मग्रंथों की मानें तो अश्विन मास की शुक्लपक्ष की दशमी को दो अलग-अलग घटनाओं के लिए भी मनाया जाता है पहला महिषासुर के वध के लिए और दूसरा रावण पर राम की विजय के लिए.
बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले इस पर्व के दिन जगह-जगह रावण के पुतले जलाए जाते हैं. दशहरे को तीन सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है. अन्य दो शुभ तिथि चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा और कार्तिक शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा है. वैसे क्या आप जानते हैं कि इस दिन को दशहरा या वियदशमी क्यों कहा जाता है. अगर नहीं तो अब जान लिजिए-
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दरअसल नारी जाति के सम्मान और मर्यादा की रक्षा के लिए भगवान ने राम रावण के साथ 10 दिनों तक युद्ध किया और आश्विन शुक्ल दशमी तिथि को मां दुर्गा से प्राप्त दिव्यास्त्र की सहायता से दस सिर वाले रावण का अंत कर दिया जिसके बाद इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाने लगा. भगवान राम ने रावण का अंत कर जीत हासिल की, इसलिए इस दिन को विजय दशमी के नाम से जाना गया. वहीं दर सिर वाला रावण इस दिन हारा था इसलिए इस दिन को दशहरा भी कहा जाता है.
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देवी दुर्गा से भी जुड़ा है विजयदशमी का नाम
वैसे इस दिन को विजयदशमी एक और वजह से भी कहा जाता है और वह है मां दुर्गा द्वारा महिषासुर का वध किया जाना. दरअसल महिषासुर ने देवताओं को स्वर्ग से भगा दिया और पृथ्वी पर हाहाकार मचा दिया तो देवी दुर्गा ने अश्विन शुक्ल दशमी तिथि को महिषासुर का वध कर पृथ्वी को उसके अत्याचार से बचाया. देवी की जीत की खुशी मनाते हुए देवताओं ने विजया देवी की पूजा की. इसी के साथ इस तिथि को विजया दशमी के नाम जानी गई.
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