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बच्चों को पढ़ाई जानी चाहिए विंग कमांडर अभिनंदन की वीर गाथा : पारस भाई जी

पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया श्री श्री पारस भाई जी (Shri Shri Paras Bhai ji) ने भारत के टाइगरों यानि भारतीय सेना को सैल्यूट किया और शेरों के शेर भारत के वीर योद्धा विंग कमांडर अभिनंदन को भारतीय स्कूलों के पाठ्यक्रम में जगह देने के लिए पुरजोर मांग की

Updated on: 02 Mar 2019, 06:36 PM

नई दिल्ली:

पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया श्री पारस भाई जी (Shri Shri Paras Bhai ji) ने भारत के टाइगरों यानि भारतीय सेना को सैल्यूट किया और शेरों के शेर भारत के वीर योद्धा विंग कमांडर अभिनंदन को भारतीय स्कूलों के पाठ्यक्रम में जगह देने की पुरजोर मांग की. पारस परिवार (Paras Parivaar) के कर्मयोगी कार्यकर्ता श्री पारस भाई जी (Shri paras bhai ji) ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों को अश्रु भरी श्रद्धांजलि भी दी. पुलवामा के आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिससे पारस भाई जी (paras bhai ji) काफी दुखी हुए थे.

हमले के दो दिन बाद श्री पारस भाई जी (Shri Shri Paras Bhai ji) ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर सेनाओं और देश के लोगों का मनोबल बढ़ाया. उन्होंने कहा, हमें अपनी डिक्शनरी से 'बदला' शब्द ही हटा देना चाहिए. क्योंकि बदला तब लिया जाता है जब आपके साथ कोई धोखा या गलत कृत्य कर देता है. इसलिए हमें ऐसा स्वभाव रखना चाहिए कि हमें कभी 'बदला' जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करना पड़े तो इसलिए हमें हमेशा अटैकिंग मोड में रहना चाहिए. क्योंकि जीवन की जंग को जीतना है तो केवल अटैक ही आपको जीत का स्वाद चखाएगा.

उन्होंने (Paras Bhai) आगे कहा, जैसे हमारे देश का राष्ट्रीय पशु टाइगर (Tiger) है, वैसे ही उसका स्वभाव भी हमारे अंदर होना चाहिए. क्योंकि टाइगर कभी बदला बदला नहीं बोलता रहता. इसके पीछे कारण साफ है कि टाइगर को बदले का मतलब समझ नहीं आता है. क्योंकि टाइगर के पास जो आता है वो उसे खा जाता है. और जब टाइगर अपने पास आने वाले को खा ही जाएगा तो बदला लेने के लिए बचेगा कौन? इसलिए हमारे राष्ट्रीय पशु की तरह ही हमारा स्वभाव होना चाहिए.

श्री पारस भाई जी (Shri Paras Bhai ji) ने यह भी कहा है कि भारतीय सेना भी टाइगर है और वह किसी आतंकवादी या आंतकवाद का साथ देने वाले को नहीं छोड़ने वाली. ऐसा ही हुआ भी. क्योंकि पुलवामा हमले में शहीद होने वाले जवानों की तेहरवीं से पहले ही भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी शिविरों पर हवाई हमला कर दिया. ऐसे समय पर पारस भाई जी (Paras Pariwar) का कहना था कि उनका सिर गर्व से ऊंचा हो गया. इसी कारण श्रीपारस भाई जी (Paras Bhai ji) ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी शिविरों को तबाह करने वाले भारतीय पायलटों को सलाम किया. साथ ही सेना को खुली छूट देने वाले पीएम नरेंद्र मोदी का शुक्रिया किया.

अब बात आती है शौर्य गाथाओं में याद रखे जाने वाले शूरवीर विंग कंमाडर अभिनन्दन दादा की. यहां पारस भाई गुरु जी (paras bhai Guru ji) का कहना है कि इस शूरवीर की वीरता का बखान कर पाना सूरज को आईना दिखाने के समान होगा. क्योंकि भारतीय शेरों के हमले से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत को नीचा दिखाने के लिए अगले ही दिन अपने अति आधुनिक विमान एफ 16 (F16) से हमला कर दिया. और वह इस भूल में रह गया कि वह भी भारतीय शूरवीरों की तरह हिन्दुस्तान पर बम बरसा कर निकल जाएंगे. पर भारतीय सेना ने उन्हें अपने देश में एंट्री तक नहीं करने दी. उल्टा वह तो उनकी ही जान के पीछे पड़ गए.

ऐसे में पाकिस्तानी पायलटों को अपने फाइटर एफ 16 को लेकर वापस पाकिस्तान भागना पड़ा. लेकिन देश के लिए मर मिटने के जज्बे से भरा एक दीवाना यानि भारतीय शेर विंग कमांडर अभिनंदन, उस पर तो उन पाकिस्तानी जंगी जहाजों को मार गिराने का जुनून सवार हो गया था कि वह उसकी मातृभूमि के अंदर कैसे आ गए. उसने आव देखा न ताव और यह तक नहीं देखा कि उसके पास 1960 के दशक का बना मिग 21 (MIG 21) जहाज है जो एफ16 जैसे अति आधुनिक तकनीक से लैस जंगी जहाज के आगे कुछ भी नहीं है. यहां पर हम यह तुलना तक कर सकते हैं कि मारुति 800 से बीएमडब्ल्यू गाड़ी को हराने की कोशिश की जाए, लेकिन देश के दीवाने पर तो पता नहीं क्या जुनून सवार था कि वह अकेला ही उन्हें मारने चल पड़ा और पीछा करते-करते पाकिस्तान में घुस गया और वहां उनके घर में घुसकर उनका अति आधुनिक विमान मार गिराया.

पारस भाई जी (Shri paras bhai ji) कहते हैं कि यह असम्भव था पर उस शेर ने वो कर दिया. पर यहां नसीब का खेल विचित्र रहा, क्योंकि अभिनंदन का प्लेन भी क्रेश हो गया था पर उसने बहुत ही सूझबूझ से अपने आपको प्लेन से इजेक्ट किया और भारतीय शेर सैकड़ों पाकिस्तानी भेड़ियों से घिर गया. पर भारतीय शेर अभिनंदन किसी से नहीं डरा और उसने अपने देश के राज अपने सीने में ही दफन रखे और पूरे दो दिन दुश्मन देश के सीने पर होकर 1 मार्च 2019 की रात 9 बजे 21 मिनट पर भारत के अटारी बार्डर से अपने देश में बड़ी आन बान और शान से कदम रखा. नीले ब्लेजर में वो ऐसा लग रहा था कि आसमान जमीन पर उतर आया हो.

श्री पारस भाई जी (Shri Shri Paras bhai ji) ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आगे झुकना पड़ा और सच्चाई की जीत हुई, क्योंकि पूरा विश्व भारत के साथ खड़ा है. इस खुशी के अवसर पर श्री पारस भाई जी (Shri Shri Paras bhai ji) ने गरीबों और असहायों को खाना खिलाया और लोगों में मिठाई बांटी. यहां पारस भाई जी (Paras Pariwar) ने यह भी कहा कि वीर अभिनंदन के ऊपर बॉलीवुड या हॉलीवुड फिल्म या नाटक न बनाया जाए, क्योंकि आने वाले समय में लोग ऐसा कर अपना नाम चमकाने में लगे रहेंगे.

ऐसे समय पर पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुख्य कार्यकर्ता श्री पारस भाई जी (shri paras bhai ji) ने भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (shri Narendra Modi ji) से यही निवेदन किया कि वह इस वीर यानि विंग कमाडंर अभिनंदन की इस विजय यात्रा की गाथा को भारतीय स्कूल के बच्चों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाएं. ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियां इस जवान के जज़्बे, अक्लमंदी, वीरता और देश के प्रति दीवानगी को अपने सीने में महसूस कर राष्ट्रभक्त बने. यही कहते हुए पारस भाई जी की आंखें भर आईं, क्योंकि इस वीर के बारे में हमारे स्कूल के बच्चों को अगर पढ़ाया जाएगा तो हमारी आने वाली पीढ़ियों पर एहसान होगा. जय माता दी.

(यह आर्टिकल न्‍यूजस्‍टेट की सिंडिकेट फीड से ऑटो जेनरेटेड है.)