May 2025 Vrat Tyohar List: मई का महीना मृगशिरा नक्षत्र में शुरू होगा और अश्लेषा नक्षत्र में समाप्त होगा. इस महीने कई बड़े व्रत-त्योहार आने वाले हैं और साथ में कई बड़े ग्रहों का राशि परिवर्तन होने वाला है. इस महीने में मोहिनी और अपरा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. इसके साथ ही इस महीने में बुद्ध पूर्णिमा भी है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से मई में कुछ-कुछ दिन वैशाख और ज्येष्ठ मास के भी होंगे. ई में कई ग्रह गोचर और व्रत त्योहार आने वाले हैं. आइए आपको बताते हैं कि इस महीने में कौन से बड़े व्रत और त्योहार आने वाले हैं.
मई के व्रत-त्योहार
3 मई 2025- गंगा सप्तमी
5 मई 2025- सीता नवमी
8 मई 2025- मोहिनी एकादशी
9 मई 2025- शुक्र प्रदोष व्रत
11 मई 2025- नृसिंह जयंती
12 मई 2025- वैशाख पूर्णिमा व्रत या बुद्ध पूर्णिमा
13 मई 2025- नारद जयंती
16 मई 2025- एकदंत संकष्टी चतुर्थी
23 मई 2025- अपरा एकादशी
24 मई 2025- शनि प्रदोष व्रत
26 मई 2025- शनि जयंती
गंगा सप्तमी
मां गंगा को समर्पित गंगा सप्तमी का त्योहार 3 मई 2025 को मनाया जाएगा. वैशाख शुक्ल सप्तमी तिथि 3 मई सुबह 7.51 बजे शुरू होगी और 4 मई सुबह 7.18 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि की वजह से यह 3 मई को मनाई जाएगी. मान्यता है कि गंगा सप्तमी के दिन मा गंगा का पुनर्जन्म हुआ था. इसलिए गंगा सप्तमी मनाई जाती है. गंगा को जाह्नु ऋषि की पुत्री जाह्नवी के रूप में भी पूजा जाता है.
सीता नवमी
सीता नवमी को सीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन माता सीता प्रकट हुई थी. वैशाख शुक्ल नवमी के दिन सीता जयंती मनाई जाती है. इस बार सीता नवमी 5 मई को मनाई जाएगी. इस दिन विवाहित स्त्रियां पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं.
मोहिनी एकादशी व्रत
मोहिनी एकादशी व्रत वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है. इस साल वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 7 मई को सुबह 10.19 बजे शुरू होगी और 8 मई को दोपहर 12.29 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के चलते 8 मई को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा.
शुक्र प्रदोष व्रत
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा. शुक्रवार होने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाता है. वैशाख शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 9 मई को लग रही है. इसी दिन शुक्र प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष व्रत शिव-पार्वती को समर्पित होता है.
नृसिंह जयंती
नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. इस साल वैशाख शुक्ल चतुर्दशी तिथि 11 मई को लगेगी. नृसिंह जयंती पर शाम 4.21 बजे से शाम 7.03 बजे तक पूजन का समय है. नृसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे और उन्होंने हिरण्यकश्यपु का वध किया था.
बुद्ध पूर्णिमा
वैशाख पूर्णिमा का व्रत 12 मई को रखा जाएगा. इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. वैशाख शुक्ल पूर्णिमा 11 मई को रात 8.01 बजे लगेगी और 12 मई को रात 10.25 बजे समाप्त होगी. वैशाख पूर्णिमा नृसिंह जयंती के बाद आती है. वैशाख पूर्णिमा पर चांद निकलने का समय शाम 6.57 बजे है.
नारद जयंती
ज्येष्ठ कृष्ण प्रतिपदा को नारद जयंती मनाई जाती है. 13 मई को नारद जयंती मनाई जाएगी. पुराणों में देवर्षि नारद को भगवान विष्णु का परम भक्त बताया गया है और वह देवताओं को सभी प्रकार की जानकारियां उपलब्ध कराते थे.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी
एकदंत संकष्टी चतुर्थी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाएगी. संकष्टी चतुर्थी तिथि 16 मई को सुबह 4.02 बजे शुरू होगी और 17 मई को सुबह 5.13 बजे समाप्त होगी. ऐसे में संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 मई को रखा जाएगा.
अपरा एकादशी
अपरा एकादशी का व्रत ज्येष्ठ कृष्ण एकादशी को रखा जाता है. अपरा एकादशी व्रत 23 मई को रखा जाएगा और पारण द्वादशी तिथि यानी 24 मई को सुबह 5.26 बजे से सुबह 8.11 बजे के बीच होगा.
शनि प्रदोष व्रत
ज्येष्ठ कृष्ण त्रयोदशी को शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा. भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त 24 मई को शाम 7.20 बजे से रात 9.13 बजे तक है. शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है.
शनि जयंती
शनि जयंती 26 मई को मनाई जाएगी. साथ ही ज्येष्ठ अमावस्या जिसे वट सावित्री अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है, उसकी तिथि 26 मई को दोपहर 12.11 बजे शुरू होगी और 27 मई को सुबह 8.31 बजे समाप्त होगी.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.