Mahakumbh 2025: अगले महाकुंभ को सिंहस्थ कुंभ क्यों कहा जा रहा है, जानें कब और कहां लगेगा मेला

Ujjain Simhastha Kumbh 2028: पौराणिक कथाओं के अनुसार महाकुंभ का मेला भारत के चार राज्यों में लगता है. 144 साल बाद इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हुआ. इसके बाद अगला कुंभ सिहंस्थ कुंभ कहलाएगा. इसका कारण क्या है आइए जानते हैं. 

Ujjain Simhastha Kumbh 2028: पौराणिक कथाओं के अनुसार महाकुंभ का मेला भारत के चार राज्यों में लगता है. 144 साल बाद इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हुआ. इसके बाद अगला कुंभ सिहंस्थ कुंभ कहलाएगा. इसका कारण क्या है आइए जानते हैं. 

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Inna Khosla
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Simhastha Kumbh

Simhastha Kumbh Photograph: (ANI)

Mahakumbh 2025: अगले महाकुंभ को सिंहस्थ महाकुंभ कहे जाने का कारण ज्योतिषीय गणना से जुड़ा है. कुंभ मेले का आयोजन ग्रहों की विशेष स्थिति और सूर्य, बृहस्पति की राशि स्थितियों के आधार पर होता है. जब बृहस्पति सिंह राशि में प्रवेश करता है और सूर्य मेष राशि में स्थित होता है, तब सिंहस्थ कुंभ का आयोजन होता है. हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन इन चार स्थानों पर कुंभ मेले का आयोजन होता है, लेकिन सिंहस्थ कुंभ विशेष रूप से उज्जैन में आयोजित किया जाता है. सिंह राशि का स्वामी सूर्य है, जो शक्ति, ऊर्जा और दिव्यता का प्रतीक माना जाता है. इस दौरान किए गए स्नान और अनुष्ठान का विशेष पुण्यफल बताया गया है. साल 2028 में उज्जैन में सिंहस्थ महाकुंभ का आयोजन होगा, क्योंकि उस समय बृहस्पति पुनः सिंह राशि में प्रवेश करेगा.

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उज्जैन सिंहस्थ कुंभ कब है 

यह मेला 12 वर्षों के अंतराल पर आयोजित होता है, और अगला सिंहस्थ कुंभ 27 मार्च से 27 मई, 2028 तक होगा. इस दौरान तीन शाही स्नान और सात पर्व स्नान होंगे, जिनका अत्यधिक धार्मिक महत्व है. मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान देवताओं और दानवों के बीच अमृत कलश के लिए संघर्ष हुआ था. इस दौरान अमृत की कुछ बूंदें पृथ्वी पर चार स्थानों हरिद्वार, प्रयागराज, नासिक और उज्जैन में गिरीं. इसलिए, कुंभ मेले में स्नान को पुण्य प्राप्ति और मोक्ष का मार्ग माना जाता है. 

शिप्रा नदी का दिव्य महत्व

उज्जैन में कुंभ मां शिप्रा नदी के तट पर आयोजित होता है. शास्त्रों के अनुसार, यह नदी भगवान शिव के वरदान से अमृतमयी हो गई थी. इसलिए, सिंहस्थ कुंभ के दौरान शिप्रा में स्नान करने से जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. कुंभ मेले का सबसे प्रमुख आकर्षण शाही स्नान होता है, जिसमें अखाड़ों के नागा साधु, संत-महात्मा और श्रद्धालु शिप्रा नदी में डुबकी लगाते हैं. इसे आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान का सर्वोत्तम अवसर माना जाता है. 

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष पूजन

उज्जैन भगवान शिव के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की नगरी है. सिंहस्थ कुंभ के दौरान यहां की गई पूजा-अर्चना और साधना से शिव कृपा प्राप्त होती है. सिंहस्थ कुंभ 2028 आत्मशुद्धि, मोक्ष प्राप्ति और धर्म-आध्यात्म के प्रचार-प्रसार का एक अनूठा अवसर होगा, जहां श्रद्धालु पुण्य लाभ अर्जित करेंगे.

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