15 जनवरी से शुरू होने वाला विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला कुंभ (Kumbh) के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. प्रयागराज (Prayagraj) में सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने का काम लगातार जारी है. कुंभ के दौरान दुनियाभर से करोड़ों श्रद्धालु पवित्र संगम में डुबकी लगाएंगे. कुंभ के लिए गुरूवार को हाथी-घोड़े और गाजे-बाजे के साथ शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा की पेशवाई (धार्मिक शोभा यात्रा) निकली. पेशवाई सोने-चांदी से बने हौदों से लैस थी, जिस पर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर और उनके साथ अन्य साधु संत भी सवार थे.
इस विशाल शोभा यात्रा में विभिन्न अखाड़ों के आचार्य, पीठाधीश्वर, महामंडलेश्वर, साधु, संत और नागा साधुओं का एक विशाल जन-समूह हाथी, घोड़े, ऊंट जैसे विशाल पशुओं पर सवार होते हैं और गंगा तट पर लगाए गए टेंटों में पहुंचते हैं. साधु-संतों के ये सभी दल मेले के समापन तक इन्हीं टेंट में निवास करता है.
शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा ने विशाल शोभा यात्रा निकालने से पहले प्रयागराज के दारागंज में अखाड़ा परिसर में भगवान गणेश और ध्वजा की पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई. बांध पर पहुंचते ही कुंभ मेला के अधिकारियों ने शोभा यात्रा का भव्य स्वागत किया. उन्होंने आचार्य महामंडलेश्वर श्री स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज को माला पहनाया और मेले में स्वागत किया. शोभा यात्रा में सबसे आगे साधु संत थे, जो हाथी-घोड़ों पर सवार थे. साधु-संतों के पीछे अखाड़े की विशाल ध्वजा थी और उसके पीछे कई नागा साधुओं का एक समूह चल रहा था.
Source : News Nation Bureau