कुंभ मेले में चल रहा है एक ऐसा बैंक जहां चलती है केवल ‘भगवान राम’ की मुद्रा

कुंभ में बिना किसी एटीएम या चेक बुक वाला एक ऐसा अनोखा ‘राम नाम बैंक’ सेवाएं दे रहा है जहां केवल ‘भगवान राम’ की मुद्रा चलती है और ब्याज के रूप में आत्मिक शांति मिलती है.

कुंभ में बिना किसी एटीएम या चेक बुक वाला एक ऐसा अनोखा ‘राम नाम बैंक’ सेवाएं दे रहा है जहां केवल ‘भगवान राम’ की मुद्रा चलती है और ब्याज के रूप में आत्मिक शांति मिलती है.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
कुंभ मेले में चल रहा है एक ऐसा बैंक जहां चलती है केवल ‘भगवान राम’ की मुद्रा

कुंभ मेला

कुंभ में बिना किसी एटीएम या चेक बुक वाला एक ऐसा अनोखा ‘राम नाम बैंक’ सेवाएं दे रहा है जहां केवल ‘भगवान राम’ की मुद्रा चलती है और ब्याज के रूप में आत्मिक शांति मिलती है. यह ऐसा बैंक है जिसमें आत्मिक शांति की तलाश कर रहे लोग करीब एक सदी से पुस्तिकाओं में भगवान राम का नाम लिखकर जमा करा रहे हैं. इस अनूठे बैंक का प्रबंधन देखने वाले आशुतोष वार्ष्णेय के दादा ने 20वीं सदी की शुरुआत में संगठन की स्थापना की थी.आशुतोष अपने दादा की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं.

Advertisment

आशुतोष ने कुंभ मेले के सेक्टर छह में अपना शिविर लगाया है. उन्होंने कहा, ‘इस बैंक की स्थापना मेरे दादा ईश्वर चंद्र ने की थी, जो कारोबारी थे. अब इस बैंक में विभिन्न आयु वर्गों एवं धर्मों के एक लाख से अधिक खाता धारक हैं.’ उन्होंने सोमवार को बताया, ‘यह बैंक एक सामाजिक संगठन ‘राम नाम सेवा संस्थान’ के तहत चलता है और कम से कम नौ कुंभ मेलों में इसे स्थापित किया जा चुका है.’

बैंक में कोई मौद्रिक लेनदेन नहीं होता। इसके सदस्यों के पास 30 पृष्ठीय एक पुस्तिका होती है जिसमें 108 कॉलम में वे प्रतिदिन 108 बार ‘राम नाम’ लिखते हैं. यह पुस्तिका व्यक्ति के खाते में जमा की जाती है. उन्होंने कहा कि भगवान राम का नाम लाल स्याही से लिखा जाता है क्योंकि यह रंग प्रेम का प्रतीक है.

इसे भी पढ़ें: सनातन धर्म के विजय का काल आ गया है, राम मंदिर का निर्माण जल्द होगा: मोहन भागवत

बैंक की अध्यक्ष गुंजन वार्ष्णेय ने कहा, ‘खाताधारक के खाते में भगवान राम का दिव्य नाम जमा होता है। अन्य बैंकों की तरह पासबुक जारी की जाती है. ये सभी सेवाएं नि:शुल्क दी जाती है. इस बैंक में केवल भगवान राम के नाम की मुद्रा ही चलती है.’ उन्होंने बताया कि राम नाम को ‘लिखिता जाप’ कहा जाता है. इसे लिखित ध्यान लगाना कहते हैं. स्वर्णिम अक्षरों को लिखने से अंतरात्मा के पूर्ण समर्पण एवं शांति का बोध होता है. सभी इन्द्रियां भगवान की सेवा में लिप्त हो जाती हैं.

आशुतोष ने कहा कि केवल किसी एक धर्म के लोग ही नहीं बल्कि विभिन्न धर्मों के लोग उर्दू, अंग्रेजी और बंगाली में भगवान राम का नाम लिखते है. ईसाई धर्म का पालन करने वाले पीटरसन दास (55) वर्ष 2012 से भगवान राम का नाम लिख रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘ईश्वर एक है, भले ही वह राम हो, अल्लाह हो, यीशु हो या नानक हो.’ पांच साल से इस बैंक से जुड़े सरदार पृथ्वीपाल सिंह (50) ने कहा, ‘भगवान राम और गुरू गोविंद सिंह महान थे। उनके विचारों का अनुसरण करना हर मनुष्य का परम कर्तव्य है.'

Source : PTI

Allahabad News Allahabad Kumbha 2019 kumbha mela raam naam bank kumbh moneyless bank kumbh atm
      
Advertisment