हनुमान जी ने क्योंं धारण किया था पंचमुखी अवतार, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

पंचमुखी हनुमान जी के हर मुख का विशेष महत्व है. पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को वशेष फल मिलता है. इससे न सिर्फ सारे कष्ट दूर होते हैं बल्कि आपका यश भी बढ़ता है

पंचमुखी हनुमान जी के हर मुख का विशेष महत्व है. पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को वशेष फल मिलता है. इससे न सिर्फ सारे कष्ट दूर होते हैं बल्कि आपका यश भी बढ़ता है

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Aditi Sharma
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हनुमान जी ने क्योंं धारण किया था पंचमुखी अवतार, जानें क्या है इसका महत्व और पूजा विधि

मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित होता है. कहा जाता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मन के सारे डर दूर हो जाते हैं और भगवान की कृपा हमेशा आपके साथ बनी रहती है. मान्यता ये भी है कि अगर मंगलवार को पंचमुखी हनुमान जी की पूजा की जाए तो विशेष लाभ मिलता है. लेकिन क्या आपको पता है कि हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार क्यों धारण किया था.

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मान्यताओं के मुताबिक हनुमान जी ने पंचमुखी अवतार भगवान श्री राम को रावण के भाई अहिरावण के बंधन से मुक्त करने के लिए लिया था. दरअसल अहिरावण ने भगवान श्री राम, लक्ष्ण और उनकी सेना को अपनी माया से निद्रा में डाल दिया और पाताल लोक पहुंचा दिया था. ऐसे हनुमान जी ने अहिरावण का वध करने के लिए पंचमुखी अवतार धारण किया. जैसे ही हनुमान जी ने अहिरावण का वध किया, भगवान श्री राम, लक्ष्मण और उनकी सेना भी उसके बंधन से मुक्त हो गए.

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पंचमुखी हनुमाजी की पूजा करने से मिलेगा विशेष लाभ

पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों को विशेष फल मिलता है. इससे न सिर्फ सारे कष्ट दूर होते हैं बल्कि आपका यश भी बढ़ता है. दरअसल पंचमुखी हनुमान जी के हर मुख का विशेष महत्व हैं. वानर मुख से दुश्मनों पर जीत हासिल होती है. गरुड़ मुख से जीवन की सभी परेशानियां और संकट दूर होते हैं, वराह मुख से आयु बढ़ती है, यश मिलता है, नृसिंह मुख से डर खत्म होता है और अश्व मुख से लोगों की सभी मनोकामनाए पूरी होती है.

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पूजा विधि

पंचमुखी हनुमान जी की पूजा दक्षिण की ओर बैठकर करनी चाहिए. इसके बाद उनको जल और पंचामृत से स्नान कराना चाहिए. इसके बाद लाल फूल चढ़ाकर हनुमान चालीसा और सुंदर कांड का पाठ करना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

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