आज मौनी अमावस्या के दिन कुंभ में शाही स्नान, जानिए पूजा-विधि, व्रत के नियम
4 फरवरी यानी सोमवार को मौनी अमावसया है. इस कारण इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है.
नई दिल्ली:
4 फरवरी यानी सोमवार को मौनी अमावसया है. इस कारण इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाता है. दरअसल माघ महीने की अमावस्या को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) कहा जाता है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. कुंभ मेले (Kumbh Mela) की वजह से इस बार मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) और भी खास है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे कुंभ मेले (Kumbh 2019) में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2019) के दिन शाही स्नान होगा. को है. इस मास को कार्तिक मास के जैसे ही पुण्य महीना माना गया है. इसी वजह से गंगा किनारे लाखों श्रद्धालु डुबकी लगाते हैं.
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मौनी अमावस्या 2019 का शुभ मुहूर्त
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त शुरू - 3 फरवरी रात 11:52 से
मौनी अमावस्या शुभ मुहूर्त खत्म - 5 जनवरी 02:33 तक
मौनी अमावस्याका महत्व
मान्यता है कि इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों में देवताओं का निवास होता है. इसीलिए इस दिन प्रयागराज में मौजूद त्रिवेणी संगम में स्नान का महत्व बहुत बढ़ जाता है. खासकर कुंभ (Kumbh 2019) के दौरान मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं.
मौनी अमावस्या की पूजा-विधि
- सबसे पहले गंगा में स्नान करें. घर में हो तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें.
- विष्णु जी का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें.
- विष्णु जी की रोज़ाना की तरह पूजा कर तुलसी की 108 बार परिक्रमा लें.
- पूजा के बाद दान दें. अन्न, वस्त्र या धन को दान में दें.
- सुबह स्नान से ही मौन रहें.
- इस मंत्र का जाप करते रहें.
- गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति। नर्मदे सिन्धु कावेरि जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।।
क्यों रहा जाता है मौन
मान्यता है कि मन को शांत रखने के लिए माघ महीने की इस अमावस्या के दिन मौन रहा जाता है. ठीक उसी प्रकार जैसे लोग भगवान को शांत रहकर याद करते हैं. ऐसा करने से मन शांत रहता है और बुरे ख्याल दूर रहते हैं. अगर कोई व्यक्ति शांत ना रह पाए तो इस दिन किसी को बुरा-भला ना बोले, इस परिस्थिती में भी यह व्रत पूरा माना जाता है.
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