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Paush Purnima 2025 Mahakumbh Photograph: (News Nation)
Paush Purnima 2025 Mahakumbh: पौष पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण स्वरूप में होता है. भगवान विष्णु का एक नाम मधुसूदन है, जो "मधु" नामक असुर के संहारक हैं. ये स्नान भगवान विष्णु को समर्पित है और उनके आशीर्वाद से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं. स्नान के बाद किए गए दान और पूजा से हजारों यज्ञों के बराबर पुण्य मिलता है.
मधुसूदन स्नान का धार्मिक महत्व
प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठें. स्नान के लिए सूर्योदय से पहले का समय सबसे शुभ माना जाता है. प्रयागराज के त्रिवेणी संगम (गंगा, यमुना, सरस्वती) में स्नान करना सर्वोत्तम है. अगर संगम पर जाना संभव न हो, तो किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करें. स्नान के दौरान मंत्र जाप करें ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या फिर गंगे च यमुने चैव गोदावरि सरस्वति. नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेऽस्मिन्सन्निधिं कुरु.. स्नान के बाद भगवान विष्णु और सूर्य देव की पूजा करने के बाद जरुरतमंदों को अन्न, वस्त्र, तिल, गुड़, और धन का दान करें. इस दिन सात्विक भोजन करें और संयमित जीवन जीने का संकल्प लें.
इसके अलावा, आप इस महाकुंभ 2025 के दौरान अपने घर में रहते हुए भी मधुसूदन स्नान का संकल्प ले सकते हैं. सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और नियम से पूजा करें. मान्यता है कि माघी पूर्णिमा के पावन दिन श्री हरि विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. पौष पूर्णिमा तिथि से लेकर माघ पूर्णिमा तिथि तक डेली आप ये स्नान करते हैं तो कहा जाता है कि मृत्यु के बाद आपको स्वर्ग लोक तक जाने में किसी तरह की कोई पीड़ा नहीं होती. व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)