Mahakumbh 2025: महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं का धूमधाम से होगा स्वागत, प्रयागराज में बनाए गए 4 भव्य द्वार

Mahakumbh 2025 Latest News: इस बार महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने के लिए 40-45 करोड़ लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान लगाया जा रहा है. यूपी सरकार ने श्रद्धालुओं के भव्य स्वागत की तैयारियां की हैं.

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Inna Khosla
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Mahakumbh 2025 Jal Mandir

Mahakumbh 2025 Latest News Photograph: (News Nation)

Mahakumbh 2025 Latest News: इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं के भव्य स्वागत के लिए प्रयागराज में 4 प्रमुख द्वार और 108 स्तंभ बनाए गए हैं. इसके अलावा देश-विदेश से यहां आए सभी यात्री 12 ज्योतिर्लिंगों के भी एक साथ दर्शन कर पाएंगे. महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज में 4 प्रमुख द्वारों का निर्माण श्रद्धालुओं के स्वागत और कुंभ मेले की भव्यता को बढ़ाने के लिए किया गया है. ये चार प्रमुख द्वार हैं गंगा द्वार, यमुना द्वार, सरस्वती द्वार और शिव द्वार. गंगा द्वार फाफामऊ साइड पर है तो यमुना द्वार रीवा साइड पर स्थित होगा. सरस्वती द्वार को वाराणसी की ओर बनाया गया है. इसके अलावा, शिव द्वार सहसों साइड पर देखने को मिलेगा. इन 4 द्वारों के अलावा, महाकुंभ 2025 में 30 पौराणिक तोरण द्वार भी बनाए जा रहे हैं जो श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराएंगे. इन द्वारों पर समुद्र मंथन के 14 रत्नों को उकेरा गया है. इन द्वारों के निर्माण से प्रयागराज शहर का विकास होगा जिससे ये जगह धार्मिक केंद्र के रूप में उभरेगी. इन द्वारों के अलावा, प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए कई अन्य विकास कार्य भी किए जा रहे हैं, जैसे कि नई सड़क मार्गों का निर्माण, यातायात व्यवस्था में सुधार, और श्रद्धालुओं के लिए आवास की व्यवस्था. 

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महाकुंभ मेला क्षेत्र में बने द्वारों को कुंभ मेले (kumbh mela) की पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना जाता है. हर द्वार का नाम और उसकी बनावट अपने आप में एक अनूठा संदेश देती है. इनमें कक्षप द्वार, गंगा द्वार, सरस्वती द्वार, डमरू द्वार, स्वास्तिक द्वार, समुद्र मंथन द्वार और 14 रत्न द्वार जैसे कई प्रतिष्ठित द्वार शामिल हैं. इन द्वारों की भव्यता और अद्भुत शिल्प कला हर श्रद्धालु को मंत्रमुग्ध करने वाली है. कुंभ में आने वाले करोड़ों भक्त इन्हीं प्रवेश द्वारों से होकर मेले के पवित्र क्षेत्र में प्रवेश करते हैं. यह न सिर्फ भक्तों के लिए आस्था का केंद्र है, बल्कि आधुनिक तकनीक और परंपरागत कला का मिलाजुला स्वरूप भी प्रस्तुत करने वाला है. 

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श्रद्धालु इन द्वारों के सामने तस्वीरें लेने से खुद को रोक नहीं पाएंगे. साधु-संतों का भी मानना है कि हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार, इन द्वारों का गहरा आध्यात्मिक महत्व है. कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन और शुद्ध मंशा के साथ इन द्वारों से प्रवेश करता है और संगम में पवित्र डुबकी लगाता है तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. ये द्वार न केवल भक्तों के लिए पवित्रता और शांति का मार्ग प्रशस्त करते हैं बल्कि एक आध्यात्मिक संदेश भी देते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि अगर कोई व्यक्ति गलत मंशा पाप या अराजकता फैलाने के इरादे से कुंभ मेले (mahakumbh 2025) में प्रवेश करता है तो इन द्वारों की ऊर्जा उसे दंडित भी कर सकती है. मान्यता है कि ऐसे व्यक्तियों को ये द्वार मोक्ष की जगह नर्क की ओर ले जाते हैं. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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