Mahakumbh 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने वाला है और अगर आप भी इस पवित्र तीर्थ यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं तो मौसम की जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है. प्रयागराज का मौसम आम तौर पर गर्म और आर्द्र होता है. लेकिन, मौसम में लगातार बदलाव होते रहते हैं. महाकुंभ के समय, यानी जनवरी-फरवरी में मौसम थोड़ा ठंडा रहता है. दिन में धूप खिलती है और रातें ठंडी होती हैं. दिन का अधिकतम तापमान 25-30 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. रात का न्यूनतम तापमान 10-15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है.
महाकुंभ यात्रा के लिए साथ में क्या ले जाएं?
महाकुंभ के दौरान सुबह-सुबह संगम में डुबकी लगाने के लिए ठंड का ध्यान रखना जरूरी है. सूर्योदय से पहले ठंड अधिक होती है, इसलिए गर्म कपड़े और ऊनी वस्त्र साथ रखें. मौसम के अनुसार आपको हल्के कपड़ों के साथ-साथ गर्म कपड़े भी लेकर जाएं. स्वेटर, जैकेट और गर्म जुराबें साथ में जरूर रख लें. आरामदायक जूते पहनें जो चलने-फिरने में आसान हों. धूप से बचने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. धूप से आंखों को बचाने के लिए धूप का चश्मा ले जाएं. गर्मी से बचने के लिए टोपी या कैप का इस्तेमाल करें. पानी की बोतल भी साथ में लेकर जाएं, क्योंकि यात्रा के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना भी बेहद जरूरी होता है. अचानक बारिश होने की स्थिति में छाता या रेनकोट भी आपके पास होना चाहिए. मौसम में अचानक बदलाव हो सकते हैं इसलिए यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देख लें. आप मौसम विभाग की वेबसाइट या मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं.
जनवरी और फरवरी के महीनों में प्रयागराज में कोहरे की संभावना रहती है इसलिए यात्रा करते समय सतर्क रहें. दोपहर में हल्की धूप निकलने से मौसम आरामदायक हो जाता है. इस समय घाट पर पूजा-पाठ और अन्य धार्मिक गतिविधियों करना मौसम के लिहाज से ज्यादा बेहतर होगा. इसके अलावा रात के समय तापमान में गिरावट आती है. अगर आप रात में कुंभ क्षेत्र में रुकने की योजना बना रहे हैं तो गर्म कपड़ों और कंबल का इंतजाम जरूर करें. प्रयागराज का मौसम महाकुंभ के दौरान थोड़ा ठंडा रहता है. लेकिन, मौसम में अचानक बदलाव हो सकते हैं, इसलिए आपको अपने साथ गर्म कपड़े और अन्य आवश्यक चीजें ले जानी चाहिए. यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान जरूर देख लें. महाकुंभ एक पवित्र तीर्थ यात्रा है. इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है.