Kumbh Mela 2021 (Photo Credit: सांकेतिक चित्र)
हरिद्वार:
मकर संक्रांति पर पहले स्नान के साथ हरिद्वार कुंभ मेले का आगाज हो चुका है. शास्त्रों में कुंभ स्नान का खासा महत्व बताया गया है. कुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल के बाद होता है लेकिन इस बार 11 साल बाद ही लग रहा है. ज्योतिष की गणना के आधार पर कुंभ का आयोजन किया जाता है लेकिन 2022 में बृहस्पति ग्रह कुंभ में नहीं होंगे. इसलिए एक साल पहले 11वें साल में ही कुंभ मेले का आयोजन किया जा रहा है.
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धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कुंभ स्नान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. हिंदू धर्म में पितृ का बहुत महत्व है. कहते हैं कि कुंभ स्नान से पितृ भी शांत होते हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखते हैं.
कुंभ मुख्य स्नान की तारीख-
1. मकर संक्रांति 14 जनवरी
2. पौष पूर्णिमा 28 जनवरी
3. मौनी अमावस्या 11 फरवरी
4. फाल्गुन संक्रांति 12 फरवरी
5. वसंत पंचमी 16 फरवरी
6. माघी पूर्णिमा 27 फरवरी
7. महाशिवरात्रि 11 मार्च ( पहला शाही स्नान)
8. चैत्र संक्रांति 14 मार्च
9. 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या (दूसरा शाही स्नान)
10. 14 अप्रैल मेष संक्रांति ( तीसरा मुख्य शाही स्नान)
11. 27 अप्रैल बैसाख पूर्णिमा ( चौथा शाही स्नान)