सूबे की राजनीति में दबंग राजनेता की छवि वाले जनसत्ता पार्टी अध्यक्ष राजा भैया का कुंभ अलग रूप देखने को मिला जहां दिव्य प्रेम सेवा मिशन के मंच से राजा भैया प्रवचन देते दिखे. मिशन के पंडाल में हज़ारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने न सिर्फ राजा भैया का प्रवचन सुना बल्कि उसे सराहा भी. राजा भैया लगभग 30 मिनट तक धर्म-आध्यात्म, संस्कृति और कुंभ की बात करते रहे, किसी मज़े हुए कथावाचक की तरह वो लोगों को समझाते रहे कि आधुनिकता और परंपरा में कैसे सामंजस्य बैठाना है. उन्होंने लोगों को कुंभ स्नान का महत्व बताया.
उन्होंने ने कहा कि भारत और हिंदुत्व एक दूसरे के पर्याय ही नही बल्कि एक ही है. राजा भैया के इस बयान के सियासी मायने निकाले जा सकते हैं लेकिन वो धर्म-आध्यात्म पर बोलते हुए ये बात कहीं.
उन्होंने बताया कि कुंभ मेले के दौरान मौनी अमावस्या पर्व पर प्रयागराज विश्व का सबसे बड़ा जनपद हो जाएगा. जहां करोड़ों लोग इकट्ठा होंगे, दुनिया मे ऐसा आस्था का महासागर सिर्फ यहीं देखने को मिलता है.
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राजा भैया ने कुंभ मेले से अपना जुड़ाव भी बताया उन्होंने कहा कि वो अपने परिवार के साथ बचपन से कुंभ मेले में आते रहे हैं, उनका परिवार महान संत देवरहा बाबा का भक्त था और कुंभ मेले में देवरहा बाबा ने ही उनका नामकरण किया था 'रघुराज प्रताप सिंह'.
इस मौके पर राजा भैया ने सियासी मुद्दों पर बात करने से इनकार कर दिया, उनका कहना है धर्म और आध्यात्म की इस नगरी में वो सियासी बात नही करेंगे.
Source : News Nation Bureau