Kumbh 2019 : जानें आखिर क्यों प्रयागराज में 50 करोड़ की लागत से बन रही टेंट सिटी, संगम की रेत में हो जाएगी गुम

सीएम योगी और पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जा रही इस टेंट सिटी को यूपी गर्वनमेंट के साथ पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जा रहा है.

सीएम योगी और पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जा रही इस टेंट सिटी को यूपी गर्वनमेंट के साथ पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जा रहा है.

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yogesh bhadauriya
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Kumbh 2019 : जानें आखिर क्यों प्रयागराज में 50 करोड़ की लागत से बन रही टेंट सिटी, संगम की रेत में हो जाएगी गुम

कहा जा रहा है कई यह सिटी कई मायनों में 5 स्टार होटल्स को भी मात देगी

प्रयागराज के संगम तट पर शुरू होने जा रहे कुंभ मेले में 50 करोड़ की लागत से एक ऐसी टेंट सिटी बसाई जा रही है जो कई मायनों में 5 स्टार होटल्स को भी मात देती नज़र आएगी. खास बात ये है कि महज 2 महीनों के लिए तैयार हो रही इस कॉलोनी को रिकॉर्ड 5 हफ़्तों में तैयार किया जा रहा है. सीएम योगी और पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मानी जा रही इस टेंट सिटी को यूपी गर्वनमेंट के साथ पीपीपी मॉडल पर तैयार किया जा रहा है.

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जी हां प्रयागराज कुंभ के सबसे बड़े प्रोजेक्ट के तौर पर जानी जाने वाली ये इन्द्रपस्थम टेंट सिटी है जो पीएम मोदी और सीएम योगी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, 50 एकड़ में 50 करोड़ रुपये की लागत से बन रही इस कॉलोनी का निर्माण 2 दिसंबर को शुरू हुआ और 10 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ खुद इसका उद्घाटन करेंगे, यानी महज 5 हफ़्तों में ये कॉलोनी बनकर तैयार हो जाएगी. महज 2 महीनों के लिए बन रही इस अस्थायी एनआरआई सिटी इन्द्रप्रस्थम को देख कर "भव्य कुंभ- दिव्य कुंभ" की संकल्पना साकार होने लगती है.

प्रवासी और उच्च वर्ग के लिए यहां 1000 स्विस कॉटेज तैयार हो रहे हैं, औसतन यहां एक कॉटेज की लागत 4 लाख से ज्यादा बताई जा रही है, तय कार्यक्रम के मुताबिक 24 जनवरी को प्रवासी भारतीय भी इस "इन्द्रप्रस्थम" एनआरआई सिटी आएंगे. इसके पहले 70 देशों के राजनयिक पीएम की पहल पर यहां पहुंच कर एनआरआई सिटी की झलक देख चुके हैं जहां उन्होंने अपने-अपने देशों के ध्वज भी फहराए थे.

इस एनआरआई कॉलोनी में 3 श्रेणी के कॉटेज बनाए जा रहे हैं जिन्हें अत्रि, अंगिरासा और गौतमा कॉटेज नाम दिया गया है. 

अत्रि (डीलक्स रूम) - ये 336 स्क्वायर फ़ीट में बन रहा है इसमें एक डबल बेड पलंग, एक टेबल, 2 सिंगल सोफा, अटैच बाथरूम लांड्री के साथ नाश्ते और खाने को व्यवस्था होगी, इसका 24 घंटे का किराया 11999 हज़ार रुपये होगा.

अंगिरासा (सुपर डीलक्स)- 448 स्क्वायर फ़ीट में बन रहे इस कॉटेज में डीलक्स रूम की सुविधाओं के साथ गीजर, माइक्रोवेव, स्टडी टेबल के साथ सोफ़ा सेट की व्यवस्था होगी इसका एक दिन का किराया 15999 रुपये होगा. 

गौतमा (विला)- ये लग्ज़री स्विस कॉटेज है, लगभग 2 बेडरूम वाले फ्लैट के समकक्ष 900 वर्गफुट में डिजाइन इस कॉटेज में 2 बेडरूम, 1 ड्राइंगरूम के साथ डायनिंग एरिया भी है यहां अन्य सुबिधाओं के साथ एलईडी टीवी की सुविधा के साथ 31999 हज़ार प्रतिदिन का किराया तय किया गया है.

इन्द्रपस्थम टेंट सिटी के एमडी सतेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए कहा, इन्द्रप्रस्थम कॉलोनी में प्रवेश करते ही इसकी भव्यता आपका मन मोह लेगी. निजी कंपनी हितकारी प्रोडक्शन एन्ड क्रिएशन इसे तैयार कर रही है, इस 5 स्टार कॉलोनी में चार 5 स्टार रेस्टोरेंट होंगे जो अलग-अलग थीम पर होंगे, जहां सभी प्रान्तों का सात्विक भोजन मिलेगा इसके अलावा टेंट सिटी में विशाल वैदिक यज्ञशाला होगी, कॉलोनी में ग्रीन पैसेज के अलावा 5 स्टार योगा और मेडिटेशन सेंटर भी बनाया जा रहा है.

इस इन्द्रप्रस्थम कॉलोनी के पीछे गंगा के घाट की तरफ यहां आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों के लिए 3 स्नान घाट और यहां से गंगा नदी के जरिये बोट और वेसेल से संगम और अन्य स्थानों पर पहुंचने के लिए एक फ्लोटिंग टर्मिनल भी बनाया जा रहा है. इस टेंट सिटी में प्रवासी दिवस के दौरान वाराणसी से प्रयागराज आने वाले प्रवासी भारतीयों को भी ठहराया जाएगा, टेंट सिटी में रहने वाले देशी-विदेशी और एनआरआई के लिए यहां अनुभव अभूतपूर्व हो इसके लिए सरकार कोई कोर नही रखना चाहती.

जानकारी देते एमडी सतेंद्र ने कहा कि इन्द्रप्रस्थम कॉलोनी के भीतर पहुंचते ही इसकी सुंदरता आपका मन मोह लेगी और देवराज इंद्र की राजधानी इंद्रप्रस्त भी फीकी लगने लगेगी लेकिन इस इन्द्रप्रस्थम का मॉडल राजा ईल के किले से लिया गया है जो प्रयागराज में बनाया गया था, राजा ईल के किले के समान ही इस मुख्य प्रवेश द्वार को विशाल और भव्य रूप दिया जा रहा है, इस द्वार पर समुद्रमंथन को प्रदर्शित किया जाएगा, 400 फ़ीट चौड़े और 100 फ़ीट ऊंचे इस प्रवेश द्वार के रंगों और चित्रों पर एलईडी लाइट का इफ़ेक्ट दिखेगा तो ये राजसी ठाट को मात देता दिखेगा.

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

सुरक्षा के लिए कॉलोनी के चारों तरफ लोहे की जाली और बेरिकेटिंग की व्यवस्था की जा रही है, मेहमानों की सुरक्षा के लिए यहां 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है, सुरक्षा बलों के 20 जवानों की ड्यूटी यहां 24 घंटे रहेगी, निगरानी के लिए 6 वाच टावर बनाये जा रहे हैं, कुंभ में अपनी तरह का यह पहला और अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है इसके महत्व का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 10 इंजीनियर के साथ 500 मैकेनिक दो-दो शिफ्ट में इस फाइव स्टार कॉलोनी को तैयार करने में जुटे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि पीक डेज यानी प्रमुख स्नान पर्वों पर एक विला का किराया 50 हज़ार रुपयों से भी ऊपर जा सकता है. 

महाशिवरात्रि स्नान पर्व के बाद सब हो जाएगा गायब

टेंट सिटी के निर्माण से जुड़ी बड़ी अहम जानकारी प्रोजेक्ट के प्रबंधक निदेशक सतेंद्र कुमार ने ये दी कि जिस गंगा तट पर स्थान पर ये टेंट सिटी है. वहां साल के 8 महीने इतना पानी की हाथी डूब जाये, टेंट सिटी के निर्माण के लिए वो अगस्त से यहां दौरा कर रहे थे लेकिन उन्हें ये स्थान दिसंबर में उपलब्ध हो पाया, अहम बात ये भी है कि 50 करोड़ की इस टेंट सिटी का वजूद 10 जनवरी से 4 मार्च को महाशिवरात्रि स्नान पर्व तक रहेगा. महाशिवरात्रि के बाद ये भव्य टेंट सिटी संगम की रेत में ऐसे गुम हो जाएगी जैसे कभी यहां थी ही नही.

Video : Kumbh 2019: तम्बुओं की शक्ल में 1200 स्विस कॉटेज तैयार देखिए

Source : News Nation Bureau

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