Hariyali Teej 2019: जानिए कब है हरियाली तीज और क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
हरियाली तीज के दिन मां गौरी का ध्यान कर इस मंत्र का यथासंभव जप करें- 'देवि देवि उमे गौरी त्राहि माम करुणा निधे, ममापराधा छन्तव्य भुक्ति मुक्ति प्रदा भव.'
नई दिल्ली:
हिंदु धर्म में हरियाली तीज का काफी महत्व है. अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं. ये दिन भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है. कुवारी लड़कियां ही मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को श्रद्धा-भाव से करती हैं.
कब है हरियाली तीज और क्या है शुभ मुहूर्त?
इस साल हरियाली तीज 3 अगस्त को मनाई जाएगी. हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त 3 अगस्त को 1.36 बजे से शुरू होगा और 22.05 बजे खत्म होगी है. हरियाली तीज का व्रत भाद्रपद शुक्ल की तृतीया को करने का विधान है. यह व्रत द्वितीया और तृतीया तिथि के बीच न होकर अगर चतुर्थी के बीच हो तो अत्यंत शुभकारी माना जाता है, क्योंकि द्वितीया तिथि पितरों की तिथि और चतुर्थी तिथि पुत्र की तिथि मानी गई. इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
ऐसे करें पूजा
व्रत करने वाली स्त्रियों को चाहिए की व्रत के दिन सायंकाल घर को तोरण आदि से सुशोभित कर आंगन में कलश रख कर उस पर शिव और गौरी की प्रतिष्ठा बनाएं. उनका विधि-विधान से पूजन करें. मां गौरी का ध्यान कर इस मंत्र का यथासंभव जप करें- 'देवि देवि उमे गौरी त्राहि माम करुणा निधे, ममापराधा छन्तव्य भुक्ति मुक्ति प्रदा भव.' हरियाली तीज की पूजा के दौरान कथा सुनने का विशेष महत्व होता है. कथा सुनने के वक्त मन में पति या भगवान शिव का ही स्मरण रहे.
ऐसे मनाई जाती है हरियाली तीज
महिलाओं को इस दिन सोलह श्रृंगार करती हैं. वहीं लड़कियों को भी अच्छे से तैयार होकर भगवान शिव और माता गौरी की पूजा करती हैं. इस दिन पैरों में आलता और हाथों में मेहंदी लगवाना महत्वपूर्ण माना जाता है. हरियाली तीज के दिन महिलाएं पूजन आदि के साथ लोक गीत, गाना-नाचना और झूला भी झूलती हैं. .
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