Guru Purnima 2019: गुरु पूर्णिमा पर बन रहा है खास योग, इस शुभ मुहूर्त पर ऐसे करें पूजा, मिलेगा विशेष लाभ
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) कहते हैं. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, इस बार गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई को है
नई दिल्ली:
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. दरअसल हिंदू धर्म में गुरुओं सबसे ऊपर का दर्जा दिया गया ऐसा इसलिए क्योंकि वो गुरु ही होता है जो हमें सही गलत के बीच फर्क समझाते हैं. वो गुरु ही होते हैं जो हमें इस लायक बनाते हैं कि ओरों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर आगे बढ़ सकें और एक अच्छी जिंदगी जी सकें.
आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) कहते हैं. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, इस बार गुरु पूर्णिमा 16 जुलाई को है. इस बार गुरु पूर्णिमा कई मायनों में खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार गुरु पूर्णिमा मंगलवार के दिन पड़ रही है और दूसरा सबसे बड़ा कारण ये है कि इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी लग रहा है तो लगभग तीन घंटे तक चलेगा.
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मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन महाभारत और चार वेदों के रचयिता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास यानि महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था. इसी वजह से गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा के दिन सही मुहूर्त पर पूजा करना शुभ होता है.
गुरु पूर्णिमा शुभ मुहूर्त
गुरु पूर्णिका की तिथि: 16 जुलाई 2019
गुरु पूर्णिमा मुहूर्त: 15 जुलाई 2019 को रात 01 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर 16 जुलाई 2019 की रात 03 बजकर 07 मिनट तक
क्या है गुरु पूर्णिमा का महत्व?
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा का विधान है. कहते हैं कि गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है. इसीलिए इन्हें भगवान से भी ऊपर का दर्जा दिया जाता है. गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थी इस दिन अपने गुरु की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.
गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. फिर घर के मंदिर में चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बनाएं. इसके बाद 'गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये' मंत्र का उच्चारण करें. गुरु पूर्णिमा के दिन खीर का प्रसाद वितरण करना अत्यंत शुभ माना गया है. ऐसे में खीर बनाकर आपको परिवार के साथ खानी चाहिए.
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चंद्र ग्रहण समय
इस बार गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी लगने वाला है जो करीब तीन घंटे तक चलेगा. ये 16 जुलाई को मध्य रात्रि के बाद 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 4.30 बजे खत्म होगा. ग्रहण की समाप्ति काल को मोक्ष काल कहा जाता है. ये चंद्र ग्रहण इस बार भारत में दिखाई देगा. इसके अलावा ये अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में भी दिखाई दे सकता है.
सूतक समय
ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है. इस बार चंद्र ग्रहण रात 1.31 बजे लगेगा तो इस हिसाब से शाम 4.30 बजे इसका सूतक लग जाएगा. सूतक लगने के बाद गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए और उन्हें घर के अंदर ही रहना चाहिए.
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