Ganesh Chaturthi 2019: 2 सितंबर को इस मुहूर्त पर करें गणेज पूजा, इन बातों का रखें खास ध्यान
मान्यता के अनुसार गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था. इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है
नई दिल्ली:
गणेश चतुर्थी को बस अब कुछ ही दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में देशभर में इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. वैसे तो गणेश चतुर्थी पर देशभर में लोग अपने घरों में गणेश जी की पूजा करते हैं लेकिन इस दौरान महाराष्ट्र का नजारा देखने लायक होता है जहां 10 दिनों तक बड़ी तादाद में लोग गणपति के पंडाल में इकट्ठा होते हैं और उनकी पूजा करते हैं.
मान्यता के अनुसार गणेश जी का जन्म भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को हुआ था. इसीलिए हर साल इस दिन गणेश चतुर्थी धूमधाम से मनाई जाती है. इस साल ये तिथि 2 सितंबर को है. ऐसे में गणेश चतुर्थी का त्योहार 2 सितंबर से शुरू होगा जो अगले 10 दिनों यानी 12 सितंबर तक मनाया जाएगा. 12 सितंबर को गणेशजी का धूमधाम से विसर्जन किया जाएगा.
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क्या है शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी तिथि 2 सितंबर 2019 को पड़ रही है. वहीं गणपती विसर्जन 12 सितंबर को किया जाएगा. वहीं गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 से 01:36 तक होगा.
गणेश चतुर्थी पर एक ओर जहां पंडालों में बप्पा की बड़ी-बड़ी प्रतिमा की स्थापना की जाती है तो वहीं दूसरी ओर भक्त अपने घरों में भी गजानन को विराजमान करते हैं. शुभ मुहुर्त के हिसाब से गणपति को घर में स्थापित करना चाहिए ताकि पूजा का सही फल मिल सके.
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पूजा के लिए जरूरी सामग्री
गणपति की मूर्ति को घर में स्थापित करने के समय सभी विधि विधान के अलावा जिन सामग्री की जरूरत होती है, वो इस प्रकार हैं. शुद्ध जल, दूध, दही, शहद, घी, चीनी, पंचामृत, वस्त्र, जनेऊ, मधुपर्क, सुगंध चन्दन, रोली सिन्दूर, अक्षत (चावल), फूल माला, बेलपत्र दूब, शमीपत्र, गुलाल, आभूषण, सुगन्धित तेल, धूपबत्ती, दीपक, प्रसाद, फल, गंगाजल, पान, सुपारी, रूई, कपूर
इस तरह शुरू करें पूजा
गणेश चतुर्थी की पूजा करने से पहले नई मूर्ति लाना जरूरी है. इस प्रतिमा को आप अपने मंदिर या देव स्थान में स्थापित कर सकते हैं लेकिन इससे पहले भी कई खास बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है. अगर आप गणपति जी की मूर्ति को किसी कारण स्थापित नहीं कर सकते तो एक साबुत पूजा सुपारी को गणेश जी का स्वरूप मानकर उसे घर में रख सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
- शुभ लाभ के लिए गणपति जी को प्रतिदिन 5 दूर्वा जरूर अर्पित करें.
- प्रसाद में प्रतिदिन पंचमेवा जरूर रखें.
- भगवान के चरणों में 5 हरी इलायची और 5 कमलगट्टे रखें.
- दूर्वा को हर रोज बदल दें लेकिन हरी इलायची और कमलगट्टे को अंतिम दिन तक ऐसे ही रहने दें.
- पूजा समाप्त होने के बाद कमलगट्टों को लाल कपड़े में बांध कर रख लें और इलायची का प्रसाद बांट दें.
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