Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष में भूल कर भी न करें ये काम, नहीं तो नाराज हो जाएंगे पितृ

Pitru Paksha: पितृपक्ष आने वाले हैं. इसे श्राद्ध भी कहा जाता है. श्राद्धों का सनातन धर्म में बहुत महत्व हैं. श्राद्ध में कुछ काम करने की सख्त मनाही होती है. आइये जानते हैं…

Pitru Paksha: पितृपक्ष आने वाले हैं. इसे श्राद्ध भी कहा जाता है. श्राद्धों का सनातन धर्म में बहुत महत्व हैं. श्राद्ध में कुछ काम करने की सख्त मनाही होती है. आइये जानते हैं…

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Jalaj Kumar Mishra
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Know what things you Should not do in Pitru Paksha

Pitru Paksha 2025 (Freepik)

Pitru Paksha: पितृपक्ष आने वाले हैं. पितृपक्ष को ही श्राद्ध कहा जाता है. श्राद्धों का सनातन धर्म में बहुत महत्व है. मान्यताओं के अनुसार, इन 15 दिनों के लिए पितृ अपने परिवार को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं. उनकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण आदि किए जाते हैं. कहा जाता है कि विधि-विधान से अगर पितरों के नाम से तर्पण किया जाता है तो वंश की वृद्धि होती है और पितरों के आशीर्वाद जिंदगी खुशहाल और परिवार सौभाग्यवान हो जाता है.

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हालांकि, शास्त्रों में पितृपक्ष के कुछ नियम बनाए गए हैं, जिनका पालन करना अनिवार्य है. ऐसा न करने से पितृ नाराज हो जाते हैं. आखिर पितृपक्ष के दौरान, वो कौन से नियम हैं, जिनको मानना आवश्यक होता है. 

  1. शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में कोई भी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, दुकान का मुहूर्त, नए कारोबार आरंभ नहीं किया जाता.

  2.  पितृपक्ष में झूठ बोलने से बचें और अपशब्दों का प्रयोग न करें. किसी के साथ भी छल कपट आदि न करें. ऐसा करने से पितृ नाराज हो जाते हैं. 

  3. पितृपक्ष के दौरान शराब, पान, प्याज, बैंगन, सफेद तिल, मांसाहार, लौकी, लहसुन, मूली, बासी भोजन, सरसों का साग,  काला नमक, मसूर की दाल और सत्तू आदि का सेवन नहीं करना चाहते हैं. आपके पितर इससे नाराज हो सकते हैं. 

  4. पितृपक्ष में पितरों के तर्पण के लिए काले तिल का इस्तेमाल होता है. इसलिए सफेद तिल का इस्तेमाल भूलकर भी न करें. श्राद्ध का खाना पकाने के लिए लोहे के बर्तन और स्टील के बर्तन का इस्तेमाल न करें. पीतल के बर्तन में भोजन किया जा सकता है. 

  5. पितरों के लिए पितृपक्ष के दौरान खाना बन रहा है तो उसे बिना चखे बनाना चाहिए. न ही खाना बनाने वाले को पहले खाना चाहिए. पितृपक्ष में अगर आपके दरवाजे पर कोई गाय, ब्राह्मण, कुत्ता, भिखारी आदि आए. उनका अपमान न करें. 

  6. पितरों के तर्पण के लिए दोपहर का वक्त उत्तम माना जाता है. इसलिए ब्रह्म मुहूर्त में श्राद्ध न करें. 

पितरों के आशीर्वाद हासिल करने के लिए पितृपक्ष में इन सभी नियमों का पालन जरूर करें, जिससे आपके परिवार पर पितरों की कृपा हमेशा बनी रहे.

Pitru Paksha 2025

इस लेख में बताए गए उपाय, लाभ और सलाह सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं. ये जानकारी सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर है. न्यूजनेशन, खबर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता. 

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